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US on China: एंटनी ब्लिंकन ने कहा, अमेरिका नहीं चाहता है दूसरा शीत युद्ध, चीन को दी अंतरराष्ट्रीय नियमों को पालन करने की नसीहत

अमेरिकी विदेश मंत्री चीन को अंतरराष्ट्रीय कानून समझौतों सिद्धांतों और संस्थानों की रक्षा और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं जिसमें अमेरिका और चीन भी शामिल है। ब्लिंकन ने जार्ज वाशिंगटन विश्वविद्यालय में एक आयोजन में हिस्सा लेते हुए चीन की मौजूदा नीतिओं के बारे में बातचात की।

By Piyush KumarEdited By: Published: Fri, 27 May 2022 02:20 AM (IST)Updated: Fri, 27 May 2022 02:20 AM (IST)
एंटनी ब्लिंकन ने कहा, अमेरिका नहीं चाहता है दूसरा शीत युद्ध। (फाइल फोटो)

वाशिंगटन, एएनआइ। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने गुरुवार को एक बहुप्रतीक्षित भाषण में कहा कि हम संघर्ष या नए शीत युद्ध नहीं चाहते हैं। इसके विपरीत, हम दोनों यानी संघर्ष और शीतयुद्ध से बचने की कोशिश कर रहे हैं। विदेश मंत्री ने कुछ अहम मुद्दों पर जोर देते हुए कहा कि हम अंतरराष्ट्रीय कानून, समझौतों, सिद्धांतों और संस्थानों की रक्षा और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिसमें अमेरिका और चीन भी शामिल है।ब्लिंकन ने यह बात चीन के संदर्भ में यह बात कहा है। ब्लिंकन ने जार्ज वाशिंगटन विश्वविद्यालय में एक आयोजन में हिस्सा लेते हुए चीन की मौजूदा नीतिओं के बारे में बातचात की।  

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चीन के प्रभाव पर लगाम लगाएगा आइपीएफओ

अपने 30 मिनट के संबोधन के दौरान, ब्लिंकन ने हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा की जापान यात्रा और क्वाड मीटिंग को लेकर चर्चा की। ब्लिंकन ने कहा, ' इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क' (IPFO) के जरिये कई महत्वपूर्ण मुद्दे जैसे- डिजिटल अर्थव्यवस्था, आपूर्ति श्रृंखला, स्वच्छ ऊर्जा, बुनियादी ढांचे और भ्रष्टाचार पर काम कर सकते हैं। भारत सहित एक दर्जन देश पहले ही इस फ्रेमवर्क का हिस्सा बन चुके हैं। आपको बता दें कि अमेरिका ने चीन के बढ़ते प्रभाव को कम करने के लिए इंडो-पैसिफिक सहयोगियों के साथ हाथ मिलाया है।

13 देश हैं शामिल

बता दें कि जो बाइडन ने 23 मई को भारत सहित एक दर्जन प्रारंभिक भागीदारों के साथ आईपीईएफ पर चर्चा का अनावरण किया, जो विश्व सकल घरेलू उत्पाद का 40 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करता है।आइपीएफओ में भारत सहित आस्ट्रेलिया, ब्रुनेई, इंडोनेशिया, कोरिया गणराज्य, मलेशिया, न्यूजीलैंड, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम जैसे 13 देश शामिल हैं। गौरतलब है कि चीन ने इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क के गठन पर कई सवाल उठा चुका है।

इससे पहले आस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका के नेताओं की बैठक के बाद जारी एक बयान में कहा गया है कि क्वाड अगले पांच सालों में इंडो-पैसिफिक में 50 बिलियन अमरीकी डालर से अधिक की बुनियादी ढांचा सहायता और निवेश का संकल्प जताया। सम्मेलन के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा कि हम यानी क्वाड देश, ऋण के मुद्दों के निराकरण के लिए भी प्रतिबद्धता साझा करते हैं, जो कई देशों में महामारी की वजह बढ़ गई है।


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