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UN मानवाधिकार परिषद की ओर बाइडन प्रशासन, ट्रंप की विदेशी नीतियों में एक और बदलाव

गत माह 20 जनवरी को अमेरिकी में नए राष्ट्रपति जो बाइडन की इनॉगरेशन सेरेमनी हुई । जिसके बाद से अब तक पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप के कई विदेश नीतियों संबंधित फैसले में बदलाव किया जा चुका है। इसी क्रम मेंं अब UNHRC में फिर से बाइडन प्रशासन शामिल होना चाहता है।

By Monika MinalEdited By: Published: Mon, 08 Feb 2021 11:23 AM (IST)Updated: Mon, 08 Feb 2021 11:23 AM (IST)
पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप की नीतियों को बदल रहा बाइडन प्रशासन

 वाशिंगटन, एपी। अमेरिका में बाइडन प्रशासन द्वारा इस सप्ताह संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (United Nation Humanright Council) के साथ फिर से जुड़ने की घोषणा करने की संभावना है। उल्लेखनीय है कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तीन वर्ष पहले परिषद से अमेरिका को अलग करने का फैसला लिया था। यह जानकारी अमेरिका के अधिकारियों ने यह जानकारी दी।  दरअसल, बाइडन प्रशासन के रविवार के इस फैसले से बहुपक्षीय संगठनों और समझौतों के संबंध में पूर्ववर्ती ट्रंप प्रशासन द्वारा लिया गया एक और निर्णय पलट जाएगा।

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अमेरिका के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बाइडन प्रशासन का मानना है कि परिषद में सुधारों की आवश्यकता है लेकिन परिवर्तन लाने का सही तरीका है 'उसके साथ मिलकर सैद्धांतिक तरीके से काम करना।' अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और जेेनेवा में अमेरिका के वरिष्ठ राजयनिक इस बाबत सोमवार को घोषणा करेंगे।

2018 में ट्रंप ने तोड़ा था UNHRC से नाता

बता दें कि वर्ष 2018 में ट्रंप ने UN मानवाधिकार परिषद से अलग होने का फैसला लिया था। उन्होंने इजरायल के प्रति परिषद के रुख व इसके सदस्यों के संबंध में ऐतराज जताया था। ट्रंप ने कहा था कि अमेरिका द्वारा बताए गए सुधार करने में भी परिषद विफल रही है। ट्रंप प्रशासन को परिषद के सदस्यों-चीन, क्यूबा, इरीट्रिया, रूस और वेनेजुएला को लेकर आपत्ति थी, जिन पर मानवाधिकार उल्लंघनों के आरोप लगते रहे हैं। 

बाइडन ने तीन कार्यकारी आदेशों पर किए हस्ताक्षर

हाल में ही अमेरिका के नए राष्ट्रपति जो बाइडन ने उन तीन कार्यकारी आदेशों पर दस्‍तखत किए हैं जो ट्रंप प्रशासन की कठोर आव्रजन नीतियों को पलट देंगे। इन कठोर आव्रजन नीतियों पर बच्चों को उनके परिजनों से अलग करने के आरोप हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने उक्‍त जानकारी देते हुए कहा कि उनके आदेश निष्पक्ष और मानवीय कानूनी आव्रजन प्रणाली सुनिश्चित करेंगे। इन आदेशों से अमेरिका में अपना भविष्य तलाश रहे हजारों भारतीय पेशेवरों को लाभ होगा।


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