आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन व मुस्लिम संगठनों के बीच संबंधों की जांच की मांग
तीन अमेरिकी सांसदों ने विदेश विभाग से दो प्रमुख अमेरिकी मुस्लिम संगठनों के लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन के साथ संबंधों की जांच करने को कहा है।
वाशिंगटन, प्रेट्र। तीन अमेरिकी सांसदों ने विदेश विभाग से दो प्रमुख अमेरिकी मुस्लिम संगठनों के लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन के साथ संबंधों की जांच करने को कहा है। विदेश विभाग में आतंकवाद निरोधी समन्वयक नाथन सेल्स को लिखे पत्र में जिम बैंक्स, चक फ्लीसमैन और रैंडी वेबर ने कहा, यह चिंता का विषय है कि हेल्पिंग हैंडस ऑफ रिलीफ एंड डेवलपमेंट (एचएचआरडी) और उसका सहयोगी संगठन इस्लामिक सर्किल ऑफ नॉर्थ अमेरिका (आइसीएनए) अपने को मुस्लिमों का सामाजिक संगठन बताते हैं, लेकिन ये दुनिया के कट्टरपंथी नेटवर्क का हिस्सा हैं।
दोनों संगठनों के खिलाफ बहुत सारे सुबूत
सांसदों ने कहा, इसमें संदेह नहीं है कि आइसीएनए और एचएचआरडी जमात-ए-इस्लामी के अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का हिस्सा हैं। एक नवंबर को लिखे इस पत्र में जोर देकर कहा गया है कि वास्तव में इन दोनों संगठनों के खिलाफ बहुत सारे सुबूत हैं। सांसदों ने पत्र के साथ दस्तावेजी सुबूत भी उपलब्ध कराए हैं। उन्होंने कहा, अगर जांच होती है तो यह पता लगेगा कि दोनों संगठनों के आतंकी संगठनों के साथ कैसे व्यापक संबंध हैं। इन दोनों संगठनों और आतंकी संगठनों के बीच की साठगांठ खतरनाक है। दोनों संगठनों की जांच इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि क्योंकि वर्तमान सरकार से आइसीएनए को दस लाख डॉलर (सात करोड़ रुपये) का सरकारी अनुदान मिला है।
वित्तीय मदद पर रोक लगाएंं
पत्र में कहा गया है कि कश्मीर में जारी तनाव और हिंसा भारत और पाकिस्तान दोनों की स्थिरता के लिए खतरा है। ऐसे में यह अमेरिका के हित में है कि वह इस क्षेत्र में शांति बनाए रखे और हिंसा नहीं फैलने दे और आतंकी संगठनों को मिलने वाली वित्तीय मदद पर रोक लगाएं।