कितना भयावह रूप लेगा कोरोना वायरस अमेरिकी चिकित्सा जासूसों ने किया था आगाह
कोरोना वायरस कितना विनाशक होगा इस बारे में अमेरिकी चिकित्सा जासूसों को पहले ही पता चल चुका था। उन्होंने बीते 25 फरवरी को ही इस बारे में आगाह कर दिया था...
वाशिंगटन, एपी। कोरोना वायरस को लेकर आए दिन नए नए खुलासे हो रहे हैं। समाचार एजेंसी एपी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि फरवरी के अंत में जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कोरोना वायरस के खतरे के बारे में जब अमेरिकियों से नहीं घबराने का अनुरोध कर रहे थे तो अमेरिका के चिकित्सा जासूस महामारी की भयावहता को लेकर खौफजदा थे। रिपोर्ट में बताया गया है कि वाशिंगटन के उत्तर में महज एक घंटे की दूरी पर स्थित अमेरिकी सेना के अड्डे पर मौजूद खुफिया ईकाई में डर का माहौल था।
बताया जाता है कि नेशनल सेंटर फॉर मेडिकल इंटेलीजेंस में खुफिया, विज्ञान और चिकित्सा पेशेवर दशकों से चुपचाप अपने काम में जुटे थे। वह अमेरिकी सेना को जोखिम में डालने वाले वैश्विक स्वास्थ्य खतरों की निगरानी कर रहे थे। चिकित्सा खुफिया ईकाई ने 25 फरवरी को आगाह किया था कि कोरोना वायरस 30 दिनों के भीतर एक वैश्विक महामारी का शक्ल अख्तियार कर लेगी। यही नहीं अमेरिकी खुफिया ईकाई ने अपने खतरे का स्तर भी बढ़ा दिया था। अमेरिकी खुफिया ईकाई के अलर्ट के महज 15 दिन बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) ने कोरोना को तेजी से फैल रही वैश्विक महामारी घोषित कर दिया था।
चेतावनी के समय अमेरिका में कोरोना वायरस के बहुत कम मामले सामने आए थे। उसी दिन नई दिल्ली में मौजूद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट किया था कि कोरोना वायरस अमेरिका में काफी हद तक नियंत्रण में है। लेकिन इसके फौरन बाद यह संक्रामक रोग दुनियाभर में फैल गया था। न्यूजवीक की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी खुफिया इकाई ने 25 फरवरी की चेतावनी के बारे में ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ को जानकारी दी थी। हालांकि, इस अलर्ट के बारे में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप या व्हाइट हाउस के अन्य अधिकारियों को पता चला था या नहीं इस बारे में कोई जानकारी सामने नहीं आई है।