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अमेरिका में जज ने मौत की सजा से कुछ देर पहले लगाई रोक, दिया जाना था घातक इंजेक्शन

अमेरिका में 2003 के बाद से किसी दोषी को पहली बार मौत की सजा दी जानी थी।

By Manish PandeyEdited By: Published: Tue, 14 Jul 2020 08:27 AM (IST)Updated: Tue, 14 Jul 2020 08:27 AM (IST)
अमेरिका में जज ने मौत की सजा से कुछ देर पहले लगाई रोक, दिया जाना था घातक इंजेक्शन
अमेरिका में जज ने मौत की सजा से कुछ देर पहले लगाई रोक, दिया जाना था घातक इंजेक्शन

वाशिंगटन, एजेंसियां। अमेरिका की एक जिला अदालत ने हत्या के एक मामले में मौत की सजा पर रोक लगा दी है। इंडियाना की संघीय जेल में दोषी को पहला घातक इंजेक्शन लगाया जाना था, उसके ठीक पहले यह फैसला आया। ट्रंप प्रशासन ने फैसले के खिलाफ उच्च अदालत में अपील की है।

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जिला जज तान्या चुटकन ने अपने फैसले में कहा कि अभी कई कानूनी मुद्दों का समाधान किया जाना है। जज ने यह भी कहा कि त्वरित न्यायिक प्रक्रिया से जनता की सेवा नहीं की जा सकती। अमेरिका में 2003 के बाद से किसी दोषी को पहली बार मौत की सजा दी जानी थी।

संघीय अपीलीय न्यायालय ने एक दिन पहले ही ओक्लाहोम के यूकोन के रहने वाले दोषी डेनियल लेविस ली की मौत की सजा पर लगी रोक हटाई थी। ली को इंडियाना के टेरे हौते संघीय जेल में स्थानीय समय के अनुसार शाम चार बजे मौत की सजा दी जानी थी। उसे अरकांसस में 1996 में हथियारों के डीलर विलियम म्यूलर, उनकी पत्नी नैंसी और आठ साल की बेटी सराह पॉवेल की हत्या के मामले में मौैत की सजा सुनाई गई थी।


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