अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का बड़ा खुलासा, मैनमेड नहीं है कोरोना, इंसान में कैसे पहुंचा पड़ताल जारी
अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने दावा किया है कि घातक कोरोना वायरस मानव निर्मित या जेनेटिकली मॉडीफाइड नहीं हैं। इस खुलासे के बाद कोरोना को लेकर पूरी सियासत बदल गई है...
वाशिंगटन, प्रेट्र। अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का कहना है कि घातक कोरोना वायरस 'मानव निर्मित' या 'जेनेटिकली मॉडीफाइड' नहीं हैं। इन खुफिया एजेंसियों ने जोर देकर कहा है कि वह इस बात की पूरी पड़ताल करेंगे कि कोविड-19 महामारी किसी संक्रमित जानवर के संपर्क में आने से फैली है या फिर चीन की लैब में किसी हादसे के दौरान फैली है। अमेरिका के राष्ट्रीय खुफिया निदेशक के कार्यालय (ओडीएनआइ) ने एक बयान जारी करके कहा कि अमेरिका का संपूर्ण खुफिया समुदाय (आइसी) अमेरिकी नीति निर्माताओं को अपना पूरा सहयोग दे रहे हैं।
अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का कहना है कि चीन में जन्मे कोरोना वायरस के कारणों की पड़ताल हो रही है। खुफिया समुदाय कोविड-19 के जिम्मेदार वायरस को वैज्ञानिक आधार पर परख रहा है। उनका मत है कि यह वायरस मानव निर्मित नहीं है और ना ही इसमें कोई आनुवांशिक हेरफेर किया गया है। ध्यान रहे कि इस संक्रमण से अमेरिका में अब तक 61 हजार से अधिक लोग मारे गए हैं।
ओडीएनआइ का कहना है कि अमेरिकी खुफिया समुदाय के लोग इसके स्रोत की पड़ताल कर रहे हैं। साथ ही अमेरिकी सुरक्षा के लिए अहम खुफिया सूचनाएं तलाश रहे हैं। अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का यह बयान तब आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विगत दिनों कहा कि अमेरिकी खुफिया एजेंसियां इस बात की पड़ताल करेंगी कि यह घातक महामारी चीन की वुहान स्थित वायरोलॉजी की लैब से बाहर कैसे आई है। यही नहीं दुनिया के कई मुल्क चीन की भूमिका पर सवाल उठा चुके हैं।
गौरतलब है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दुनियाभर में कोरोना से हो रहे नुकसान के लिए चीन को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। उन्होंने एक खास बातचीत में कहा है कि चीन ने जिस तरह से कोरोना वायरस मसले का इस्तेमाल किया है उससे साबित होता है कि वह राष्ट्रपति के रूप में मेरे दोबारा चुनाव को रोकने के लिए कुछ भी कर सकता है। ट्रंप का कहना है कि चीन को लेकर उनके पास नतीजे के कई विकल्प हैं। वे बहुत कुछ करेंगे... लोगों को देखने और जानने के लिए समय का इंतजार करना होगा।