यूएस इंटेलीजेंस ने शुरू की जांच, अमेरिकी सैनिकों को मारने के लिए कार बम विस्फोट में किसका था हाथ
अमेरिकी सैनिकों को कार बम विस्फोट में मारने में किस आतंकी संगठन का हाथ था अब यूएस इंटेलीजेंस ने इसकी जांच शुरू कर दी है। जिससे अमेरिका से रिश्ते खराब न होने पाएं।
वाशिंगटन, न्यूयॉर्क टाइम्स न्यूज सर्विस। अफगानिस्तान में यूएस और गठबंधन के सैनिकों को मारने के लिए तालिबान से जुड़े आतंकवादियों को रशिया की ओर से पैसे दिए जाने के मामले में अब एक नया मोड़ आ गया है। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अब यूएस इंटेलीजेंस एजेंसी इस बात की जांच कर रही हैं कि जिस कार बम को विस्फोट से उड़ाया गया था उसके लिए अफगान आतंकियों को पैसे दिए गए थे या नहीं।
यदि ये सही पाया जाता है तो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रशिया के राष्ट्रपति ब्लीदिमीर पुतिन के बीच रिश्तों में कड़वाहट आएगी। इससे दोनों देशों के बीच संबंधों में और भी खटास आ जाएगी। अमेरिका ने अफगानिस्तान में शांति के लिए अपने सैनिक तैनात कर रखे हैं।
बीते 18 सालों से यहां ये संघर्ष चल रहा है। जब से ये बात सामने आई है कि अफगानिस्तान में तैनात अमेरिकी सैनिकों को मारने के लिए तालिबान से जुड़े आंतकियों का सहारा लिया गया है उसके बाद से ये बात काफी गंभीर मानी जा रही है। इस मामले में अब तक कई बातें सामने आ चुकी हैं।
जब ये बातें सामने आई तो राष्ट्रपति ब्लीदिमीर पुतिन के विशेष दूत और काबुल में पूर्व राजदूत ज़मीर काबुलोव ने एक टेलीविजन चैनल के कार्यक्रम में कहा कि अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों को मारने के लिए किसी भी कार्यक्रम पर हस्ताक्षर नहीं किए गए थे, ये एक कोरी अफवाह है।
दरअसल बीते एक सप्ताह से अधिक समय से अफगानिस्तान में यूएस और गठबंधन के सैनिकों को मारने के लिए तालिबान से जुड़े आतंकवादियों को रशिया की ओर से पैसे दिए जाने की बात सामने आ रही थी। उसी के बाद से इसमें रोजाना नए-नए तथ्य सामने आ रहे हैं।
पहले इसमें कहा गया कि इस मामले में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को सूचना दी गई थी, खुफिया अधिकारियों को उनको इसके बारे में लिखित में बताया था, फिर इस बारे में किसी तरह की जानकारी के बारे में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इनकार कर दिया है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि उनको इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। यदि कोई जानकारी देने की बात कह रहा है तो वो झूठ बोल रहा है, ये सिर्फ अफवाह फैलाने का काम है।