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साइबर क्राइम मामले में ईरानियों पर अमेरिका ने कसा शिकंजा, लगाए तमाम प्रतिबंध

कीमती डेटा चोरी के मामले में अमेरिका ने संदिग्‍ध र्इरानी इंस्‍टीट्यूट व 19 ईरानी नागरिकों पर प्रतिबंध लगा दिया है।

By Monika MinalEdited By: Published: Sat, 24 Mar 2018 08:03 AM (IST)Updated: Sat, 24 Mar 2018 02:57 PM (IST)
साइबर क्राइम मामले में ईरानियों पर अमेरिका ने कसा शिकंजा, लगाए तमाम प्रतिबंध

वाशिंगटन (आइएएनएस)। दुनिया भर की सरकारी एजेंसियों, सैंकड़ों यूनिवर्सिटी और प्राइवेट फर्म से कीमती डेटा चुराने के मामले में देश के इस्‍लामिक रिवोल्‍यूशनरी गार्ड कॉर्प्‍स (आइआरजीसी) से जुड़े 10 ईरानी नागरिकों व ईरानी संगठन पर अमेरिका ने शुक्रवार को प्रतिबंध लगा दिया।

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ट्रेजरी डिपार्टमेंट व जस्‍टिस डिपार्टमेंट के जरिए अमेरिकी सरकार ने शुक्रवार को साइबर हमले के संदिग्‍ध अपराधियों पर जुर्माना लगाया जिसके जरिए अमेरिका व संयुक्‍त राष्‍ट्र एजेंसियों के साथ साथ निजी कंपनियों से भी 31.5 टेराबाइट के संवेदनशील डेटा को चुरा लिया गया।

अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, प्रतिबंध के अनुसार सभी संदिग्‍धों की अमेरिकी न्‍यायप्रणाली के तहत आने वाले संपत्‍तियों को सीज कर दिया गया और उन्‍हें अमेरिकियों के साथ बिजनेस करने पर रोक लगा दी गयी।

डिप्‍टी जनरल रॉड रोजेंटीन ने कहा, ‘मामले की छानबीन की जाएगी।‘ बता दें कि माबना इंस्‍टीट्यूट को प्रतिबंधित किया गया है जिसके बारे में माना जा रहा है कि यह आइआरजीसी द्वार कंट्रैक्‍ट के तहत साइबर सेंध लगा रहा था और निजी फायदे के लिए डेटा चोरी कर रहा था। इस इंस्‍टीट्यूट की स्‍थापना 2013 में ईरानी यूनिवर्सिटी के सहयोग से की गयी थी।


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