WHO की फंडिंग रोकने के मामले में अपने ही देश में घिरे राष्ट्रपति ट्रंप, समिति ने शुरू की जांच
। अमेरिका की विदेश मामलों की समिति ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस फैसले की जांच शुरू कर दिया है जिसके तहत डब्ल्यूएचओ की फंडिंग रोकने का ऐलान किया गया था।
वाशिंगटन, एजेंसी। वाशिंगटन, एजेंसी। अमेरिका में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की फंडिंग रोकने के मामले में सियासत शुरू हो गई है। अमेरिका की विदेश मामलों की समिति ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस फैसले की जांच शुरू कर दिया है, जिसके तहत डब्ल्यूएचओ की फंडिंग रोकने का ऐलान किया गया था। समिति के अध्यक्ष एलियट एंगेल ने अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ को लिख पत्र में कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप के वैश्विक महामारी के बीच में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के लिए फंडिंग रोकने का निर्णय उल्टा है। यह फैसला दुनिया की जान को जोखिम में डालता है।
डब्ल्यूएचओ पर हमला करना उचित नहीं
वरिष्ठ कांग्रेसी एंगेल व समिति के अध्यक्ष ने कहा कि यद्यपि डब्ल्यूएचओ दुनिया भर की सरकारों के बीच समन्वय स्थापित करने में एक आवश्यक भूमिका का निर्वाह नहीं किया, जिसके चलते कोरोना वायरस पूरी दुनिया में फैल गया। वरिष्ठ कांग्रेसी ने बताया कि डब्ल्यूएचओ ने प्रसार को धीमा करने और महामारी के वक्र को कम करने में मदद करने के लिए अमूल्य प्रयास किए हैं। उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ पर हमला करना उचित नहीं है इससे कोरोना महामारी की स्थिति और भी विकट हो जाएगी। डब्ल्यूएचओ कोरोना वायरस से लड़ने के लिए एक प्रमुख उपकरण है।
दस्तावेज सौंपने की 4 मई तक की समय सीमा निर्धारित
समिति के अध्यक्ष ने अमेरिकी विदेश विभाग को डब्ल्यूएचओ से फंडिंग रोकेने के निर्णय के संबंध में दस्तावेजों को 4 मई तक की समय सीमा निर्धारित की है। यह आरोप लग रहा है कि अमेरिका में अनियंत्रित कोरोना महामारी से निपटने में ट्रंप प्रशासन नाकाम रहा है। जैसे-जैसे संयुक्त राज्य अमेरिका में कोरोना महामारी से मौत की संख्या बढ़ रही है, व्हाइट हाउस अपनी जिम्मेदारियों से बचने के लिए दूसरों को दोषी ठहरा रहा है। ऐसा करके वह अपनी आलोचनाओं को टालने की कोशिश की है।
चीन पर कोरोना के प्रसार को छिपाने का आरोप
गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को अमेरिका से मिलने वाले फंडिंग पर रोक लगा दी थी। ट्रंप ने हाल में कहा था कि उन्होंने अपने प्रशासन को विश्व स्वास्थ्य संगठन की फंडिंग को रोकने का निर्देश दिए। साथ उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना वायरस के चीन में उभरने के बाद इसके प्रसार को छिपाने और गंभीर कुप्रबंधन में संगठन की भूमिका की समीक्षा की जा रही है। ट्रंप ने कहा कि था हम वैश्विक स्वास्थ्य को लेकर सीधे दूसरों के साथ काम करेंगे। हम जो भी सहायता भेजते हैं, उस पर कठोरता से चर्चा होगी।
डब्ल्यूएचओ की दुनियाभर में निंदा
महामारी को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति ने विश्व स्वास्थ्य निकाय की आलोचना कहते हुए कहा है कि संगठन को कोरोना के खतरों के बारे में काफी समय पहले से पता था, लेकिन उसने देरी से कदम उठाए। ट्रंप ने कहा कि संगठन को उसके द्वारा कदम उठाए जाने से महीनों पहले वायरस के बारे में जानकारी थी। बता दें कि इस महामारी को लेकर चीन के साथ-साथ डब्ल्यूएचओ की दुनियाभर में आलोचना हो रही है। कथित तौर पर दोनों पर आरोप लगाया जा रहा है कि वायरस को इन्होंने गंभीरता से नहीं लिया, जिससे यह पूरे विश्व में फैल गया।