'ट्रंप के ट्रेड वार से अमेरिकी किसान भी परेशान', पढ़िए दैनिक जागरण की ये खास रिपोर्ट
किसान संगठनों का कहना है कि वे ट्रेड वार नहीं, न्यायसंगत व्यापारिक व्यवस्था के हामी हैं।
राजीव सचान, सैन फ्रांसिस्को। अमेरिकी अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकने के इरादे से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से छेड़े गए ट्रेड वार से चीन, जापान, कनाडा जैसे देशों के साथ-साथ ज्यादातर अमेरिकी किसान भी परेशान हैं। उनकी यह परेशानी आगामी मध्यावधि चुनावों में सत्तारूढ़ रिपब्लिकन पार्टी की मुसीबत बढ़ा सकती है। ट्रंप की ओर से स्टील, अल्यूमीनियम आदि के आयात पर की गई टैक्स वृद्धि के जवाब में प्रभावित देशों और खासकर चीन की जवाबी कार्रवाई से सबसे ज्यादा सोयाबीन और मक्का उगाने वाले अमेरिकी किसान परेशान हैं। अन्य फसलें, मेवे आदि उगाने वाले किसान भी आशंकित हैं।
किसान संगठनों का कहना है कि वे ट्रेड वार नहीं, न्यायसंगत व्यापारिक व्यवस्था के हामी हैं। इसे कैलिफोर्निया वॉलनट कमीशन (सीडब्ल्यूसी )की सीनियर मार्केटिंग डायरेक्टर पामेला ग्रेविट ने तब बयान किया जब उनसे पूछा गया कि क्या अखरोट उत्पादक किसान राष्ट्रपति ट्रंप की व्यापार संबंधी नीतियों के विरोध में खड़े हो रहे हैं?
सीडब्ल्यूसी कैलिफोर्निया के अखरोट उत्पादक किसानों का एक प्रभावशाली संगठन है। अमेरिका का यह संपन्न राज्य अखरोट के साथ बादाम, पिश्ता आदि के उत्पादन में भी अव्वल है। यह अंगूर की खेती के लिए भी मशहूर है। अमेरिका में किसानों के हितों की चिंता करने वाली शक्तिशाली किसान लॉबी के साथ सीडब्ल्यूसी जैसे अलग-अलग संगठन भी हैं।
फसल विशेष के नाम पर कमीशन और बोर्ड के तौर पर सक्रिय इन संगठनों को सबंधित राज्यों की सरकारों से आर्थिक सहायता भी मिलती है। सीडब्ल्यूसी भले ही अखरोट की खेती करने वाले महज 4800 किसानों और करीब 90 पैकेजिंग कंपनियों का संगठन हो, लेकिन वह इतना समर्थ है कि जिन देशों से अमेरिका का ट्रेड वार छिड़ा है उनमें भी वह अखरोट की खपत बढ़ाने के उपाय कर रहा है।
अखरोट आधारित फूड फेस्टिवल की तैयारी
भारत में अखरोट की खपत बढ़ाने और सेहत के लिए उसके गुणकारी तत्वों से आम लोगों को परिचित कराने के लिए सीडब्ल्यूसी देश के चुनिंदा शहरों में विशेष आयोजनों की तैयारी कर रहा है। इसी कड़ी में अखरोट आधारित फूड फेस्टिवल का पहला ठिकाना मुंबई हो सकता है। सीडब्ल्यूसी के भारतीय प्रतिनिधि के अनुसार इसमें डाइटीशियन, शेफ के साथ पाक कला के जानकार भी जुटेंगे।