अमेरिका के इस कदम से भारतीय पेशेवर कामगरो में छाई निराशा
साल 2007 से 2017 के दौरान सबसे ज्यादा 22 लाख कुशल भारतीय पेशेवरों ने एच-1बी वीजा के लिए आवेदन किया।
वाशिंगटन, प्रेट्र। अमेरिका ने भारतीयों में लोकप्रिय एच-1बी वीजा की प्रीमियम सेवा प्रक्रिया पर लगी अस्थायी रोक पांच माह और बढ़ा दी है। इससे जल्द वीजा पाने की चाह रखने वाले भारतीय पेशेवरों को निराशा हाथ लगेगी। इस प्रीमियम प्रोसेसिंग सेवा में आवेदकों को कम समय में वीजा मिलता है। इसके तहत एच-1बी वीजा आवेदन की प्रक्रिया छह माह की जगह महज 15 दिनों में पूरी की जाती है। इसके लिए 1,225 डॉलर (करीब 86 हजार रुपये) का शुल्क लिया जाता है।
अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा (यूएससीआइएस) एजेंसी ने मंगलवार को रोक की अवधि बढ़ाने की घोषणा की। यह रोक अब अगले साल 19 फरवरी तक जारी रहेगी। प्रीमियम प्रोसेसिंग पर अस्थायी रोक इस साल मार्च में लगाई गई थी। इसकी अवधि 11 सितंबर को समाप्त होने वाली थी।
22 लाख भारतीयों ने किया आवेदन
यूएससीआइएस के अनुसार, साल 2007 से 2017 के दौरान सबसे ज्यादा 22 लाख कुशल भारतीय पेशेवरों ने एच-1बी वीजा के लिए आवेदन किया। जबकि चीन के 3.01 लाख नागरिकों ने आवेदन किया था।
क्या है एच-1बी वीजा
एच-1बी वीजा के जरिये अमेरिकी कंपनियों को उन क्षेत्रों में उच्च कुशल विदेशी पेशेवरों को नौकरी पर रखने की अनुमति मिलती है जिनमें अमेरिकी पेशेवरों की कमी होती है। अमेरिकी संसद से यूएससीआइएस को आम श्रेणी में 65 हजार एच-1बी वीजा जारी करने की मंजूरी मिली है। इसके अतिरिक्त 20 हजार एच-1बी वीजा उन लोगों को दिए जाते हैं जिन्होंने अमेरिका के उच्च शिक्षण संस्थानों से शिक्षा प्राप्त की है।