एच-4 वीजा मामले पर सुनवाई को तैयार अमेरिकी कोर्ट
आंकड़ों के मुताबिक, एच-4 वीजा पाने वालों में बड़ी तादाद में उच्च दक्षता वाले भारतीय पेशेवर होते हैं।
वाशिंगटन, प्रेट्र। अमेरिका की अपीलीय अदालत एच-4 वीजाधारकों को रोजगार देने के प्रावधान के खिलाफ सुनवाई को तैयार हो गई है। 'सेव जॉब्स यूएसए' समूह ने डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए अपीलीय अदालत का दरवाजा खटखटाया था। डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने इस संबंध में बराक ओबामा प्रशासन के फैसले को बरकरार रखा था।
एच-4 वीजा एच-1बी वीजाधारक के जीवनसाथी को दिया जाता है। आंकड़ों के मुताबिक, एच-4 वीजा पाने वालों में बड़ी तादाद में उच्च दक्षता वाले भारतीय पेशेवर होते हैं। 2015 में ओबामा प्रशासन ने एच-4 वीजाधारकों को अमेरिका में रोजगार की अनुमति दे दी थी। कुछ अमेरिकी समूहों ने इस फैसले के खिलाफ अदालत में याचिका दी है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का प्रशासन भी कई बार अदालत से कह चुका है कि उसने ओबामा के समय हुए इस निर्णय को बदलने का फैसला लिया है।
हालांकि सरकार ने अब तक इस मामले में कोई अधिसूचना जारी नहीं की है। 'सेव जॉब्स यूएसए' ने सितंबर में अदालत में याचिका दी थी कि सरकार की ओर से अधिसूचना के इंतजार में मामले को लटकाया नहीं जाना चाहिए। समूह ने कहा, 'जब तक मामले पर सुनवाई नहीं होगी, अमेरिकी नागरिकों को रोजगार में विदेशी प्रतिस्पर्धियों का सामना करते रहना पड़ेगा।' अदालत के फैसले के मुताबिक, 'सेव जॉब्स यूएसए' को 16 जनवरी तक नए सिरे से तथ्य रखने होंगे और ट्रंप प्रशासन को 22 फरवरी तक उस पर अपना जवाब देना होगा।
इसी के साथ अदालत ने अमेरिका में रह रहे विदेशी पेशेवरों के हित में काम करने वाली गैर लाभकारी संस्था 'इमीग्रेशन वॉइस' को भी मामले में पक्ष रखने की अनुमति दी है। इमीग्रेशन वॉइस ने कहा, 'यह बड़ी बात है। आमतौर पर अपीलीय अदालत इस स्तर पर किसी को मामले में पक्ष बनने की अनुमति नहीं देती है। यह फैसला दर्शाता है कि अदालत को सरकार की ओर से हमारा पक्ष सही तरीके से रखे जाने का भरोसा नहीं है।'