लॉकडाउन के बीच भारत में फंसे नागरिकों को निकालेगा अमेरिका, हो रही बातचीत
कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर अमेरिका 50 देशों के अपने 25000 नागरिकों को वापस ला चुका है
वाशिंगटन, पीटीआइ। भारत में 21 दिनों के लॉकडाउन के बीच फंसे अमेरिकी नागरिकों को निकालने के लिए ट्रंप प्रशासन भारत सरकार के साथ बातचीत कर रहा है। कई अमेरिकी नागरिकों ने वापस लौटने के लिए सरकार से अपील की थी। कोरोना वायरस की बजह से दुनियाभर में 37,500 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं।
कांसुलर मामलों के लिए अमेरिका के प्रधान उप सहायक सचिव इयान ब्राउनली ने सोमवार को कहा कि दुनिया भर में फैले हुए घातक कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर अमेरिका 50 देशों के अपने 25,000 नागरिकों को वापस ला चुका है और भारत सहित अन्य देशों में मौजूद 9,000 लोगों को वापस लाएगा।
ब्राउनली ने कहा कि एशिया, भारत, बांग्लादेश और इंडोनेशिया से लौटने के इच्छुक अमेरिकी नागरिकों की संख्या बढ़ती जा रही है। आज हम बांग्लादेश से लोगों को ला रहे हैं और भारत के साथ बातचीत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका अपने नागरिकों को वापस लाने की व्यवस्था कर रहा है, जिन्होंने कोरोनो वायरस महामारी को देखते हुए वापस लौटने की अपील की थी। भारत में अमेरिकी दूतावास ने सोमवार को कहा कि वह इस हफ्ते नई दिल्ली और मुंबई से यूएस के लिए कई उड़ानें संचालित हो सकती हैं।
कोरोना वायरस के कारण विदेश में फंसे अपने नागरिकों को भारत जंहा बिना किसी शुल्क के वापस ला रहा है, वहीं, संयुक्त राज्य अमेरिका, लोगों को लाने के लिए ज्यादातर निजी एयरलाइंस की सेवाओं का इस्तेमाल कर रहा है और इसके लिए नागरिकों को हवाई किराया का भुगतान करने के लिए कहा जाता है, जो आमतौर पर हवाई किराए से बहुत अधिक है। अमेरिकी दूतावास ने वापस लौटने की इच्छा रखने वाले लोगों के लिए अपनी वेबसाइट पर कहा है कि ये उड़ानें फ्री नहीं हैं। सभी यात्रियों को इसके लिए अमेरिकी सरकार को भुगतान करना होगा।