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अफगानिस्‍तान से अल्‍पसंख्‍यकों को निकालें सुरक्षित, अमेरिकी सांसदों ने पोंपियो से किया आग्रह

अफगानिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर चिंता व्यक्त करते हुए अमेरिकी सांसदों ने विदेश मंत्री के समक्ष उनके पुनर्वास का आग्रह किया है।

By Monika MinalEdited By: Published: Sat, 09 May 2020 09:15 AM (IST)Updated: Sat, 09 May 2020 09:15 AM (IST)
अफगानिस्‍तान से अल्‍पसंख्‍यकों को निकालें सुरक्षित, अमेरिकी सांसदों ने पोंपियो से किया आग्रह
अफगानिस्‍तान से अल्‍पसंख्‍यकों को निकालें सुरक्षित, अमेरिकी सांसदों ने पोंपियो से किया आग्रह

वाशिंगटन, एएनआइ। अफगानिस्‍तान में रहने वाले अल्‍पसंख्‍यकों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता जताते हुए अमेरिका के सांसदों ने  विदेश मंत्री माइक पोंपियो (Mike Pompeo) से उचित कदम उठाने का आग्रह किया। 26 अमेरिकी सांसदों ने पोंपियो से अफगानिस्‍तान में रहने वाले सिखों व हिंदुओं की सुरक्षा का मुद्दा उठाया और उन्‍हें सुरक्षित दूसरी जगह पहुंचाने का आग्रह भी किया।

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4 मई को लिखे गए पत्र में सिख कॉकस के सह-अध्‍यक्ष सांसद जॉन गारामेंडी (John Garamendi) व 25 अन्‍य ने बताया कि सिख समुदाय (Sikh community) पर इस्‍लामिक स्‍टेट आतंकी हमले का गंभीर खतरा मंडरा रहा है। इसके अलावा सांसदों ने पोंपियो को यह भी सलाह दी कि अंतरराष्‍ट्रीय धार्मिक स्‍वतंत्रता अलायंस में और भी देशों को जोड़ें ताकि इन अल्‍पसंख्‍यक समुदाय की सुरक्षित पुनर्वास की प्रक्रिया सुनिशिचत हो सके। साथ ही उन्‍होंने कहा कि नॉवेल कोरोना वायरस के कारण जारी यात्रा प्रतिबंधों से वे अवगत हैं और इसके कारण बेबसी और मजबूरी भी है कि रिफ्यूजियों को कहीं शरण नहीं मिल सकता।

अमेरिकी सिख कॉकस कमेटी के एक्‍जीक्‍यूटीव डायरेक्‍टर हरप्रीत सिंह और कोआर्डिनेटर प्रीतपाल सिंह, अमेरिकी सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (AGPC) ने संयुक्‍त बयान में इस मुद्दे को उठाने के लिए सांसदों का स्‍वागत किया और बताया कि इस समुदाय में से कई लोगों ने अफगानिस्‍तान के बाहर पुनर्वास की मांग कर रहे हैं।

यहां यह बता दें कि अफगानिस्तान में काबुल, जलालाबाद और गाजी में हिंसा से परेशान सिख व हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय भारत में शरण चाहता है। इसके लिए अफगान सिख समुदाय के नेताओं ने भारत से सहायता की अपील भी की है। उन्‍होंने भारत से मांग की है कि अफगानिस्तान से सिखों और हिंदुओं को दीर्घकालिक प्रवेश के साथ कानूनी प्रवेश और राजनीतिक शरण दें।

इससे पहले अमेरिकी सामुदायिक नेताओं ने भी इन अल्‍पसंख्‍यक समुदायों के लिए आवाज उठाई थी और कहा था कि अफगानिस्तान में रहने वाले धार्मिक अल्पसंख्यकों की गंभीर स्थिति को कम करना बहुत जरूरी है। ये अल्पसंख्यक भारत को इस क्षेत्र में एकमात्र सुरक्षित आश्रय स्थल के रूप में देखते हैं।


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