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अमेरिका ने भारत-चीन के इस्पात के छल्लों पर एंटी डंपिंग शुल्क लगाया

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस महीने की शुरुआत में इस्पात एवं एल्युमीनियम के आयात पर भी भारी शुल्क लगाने की घोषणा की थी।

By Nancy BajpaiEdited By: Published: Thu, 22 Mar 2018 01:43 PM (IST)Updated: Thu, 22 Mar 2018 02:11 PM (IST)
अमेरिका ने भारत-चीन के इस्पात के छल्लों पर एंटी डंपिंग शुल्क लगाया

वाशिंगटन (प्रेट्र)। अमेरिका ने भारत और चीन से आयात होने वाले इस्पात के छल्लों (फ्लैंग्स) पर एंटी डंपिंग शुल्क लगाने का फैसला किया है। अमेरिका ने प्राथमिक जांच में पाया कि दोनों देशों में इनके निर्यातकों को छूट दी गई है। इसके बाद ही यह शुल्क लगाने का फैसला किया गया।

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस महीने की शुरुआत में इस्पात एवं एल्युमीनियम के आयात पर भी भारी शुल्क लगाने की घोषणा की थी। अमेरिका के इस कदम से दुनियाभर में ट्रेड वार छिड़ने की आशंका गहराने लगी है। एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, अमेरिकी वाणिज्य विभाग ने जांच में पाया कि चीन एवं भारत के निर्यातकों ने स्टेनलेस स्टील के छल्लों को अमेरिका में तय फेयर वैल्यू से क्रमश: 257.11 फीसद और 18.10 से 145.25 फीसद तक कम कीमत पर बेचा।

विभाग इस निर्णय के बाद यूएस कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन को निर्देश देगा कि वह चीन एवं भारत के निर्यातकों से प्राथमिक दरों के आधार पर वसूली करे। अमेरिका के वाणिज्य मंत्री विलबर रॉस ने कहा, 'अमेरिका चुपचाप बैठकर अन्य देशों की डंपिंग और उनकी अनुचित छूट के हाथों अपने घरेलू कारोबार को बर्बाद होते नहीं देखता रहेगा।' 2016 में चीन और भारत से अमेरिका में क्रमश: 1.63 करोड़ डॉलर (करीब 106 करोड़ रुपये) और 3.21 करोड़ डॉलर (करीब 209 करोड़ रुपये) का स्टील फ्लैंग का आयात हुआ था।

संरक्षणवाद से भारतीय कंपनियां सबसे ज्यादा परेशान

दुनियाभर में बढ़ते संरक्षणवाद से भारतीय कंपनियां सबसे ज्यादा परेशान हैं। बढ़ते संरक्षणवाद से सीमा पार और अंतरराष्ट्रीय कारोबार की लागत बढ़ रही है। एचएसबीसी के एक ग्लोबल सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है। सर्वेक्षण में 26 देशों की 6,000 कंपनियों को शामिल किया गया। भारत में 90 फीसद कंपनियों को लगता है कि सरकारें तेजी से संरक्षणवाद की ओर बढ़ रही हैं। ग्लोबल स्तर पर 61 फीसद फर्मों का ऐसा मानना है। एचएसबीसी इंडिया के कमर्शियल बैंकिंग प्रमुख रजत वर्मा ने कहा कि संरक्षणवाद से अंतरराष्ट्रीय कारोबार महंगा होने की चिंता कंपनियों पर हावी है।

चीन को अमेरिका के खिलाफ आंशिक जीत

चीन को अमेरिका द्वारा लगाई गई ड्यूटी पर आंशिक जीत मिल गई है। विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के कंप्लायंस पैनल ने कहा है कि अमेरिका ने चीन के उत्पादों पर एंटी सब्सिडी ड्यूटी लगाने में उसके नियमों का पूरी तरह पालन नहीं किया। पैनल ने कहा है कि कोई भी पक्ष 20 दिनों के भीतर इस फैसले पर अपील दायर कर सकता है। चीन ने 2012 में डब्ल्यूटीओ में शिकायत की थी कि अमेरिका ने सोलर पैनल, विंड टावर, स्टील सिलेंडर और एल्युमीनियम फ्रेम समेत कई चीनी वस्तुओं पर गलत तरीके से एंडी सब्सिडी ड्यूटी लगाई। उस समय चीन से अमेरिका को 7.3 अरब डॉलर मूल्य की इन वस्तुओं का निर्यात होता था। पैनल ने कहा कि अमेरिका ने सब्सिडी की गणना करने में मूल्य का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं किया। हालांकि पैनल ने माना कि चीन के निर्यातकों को सार्वजनिक संगठनों से सब्सिडी मिल रही थी।


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