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अमेरिका का इजरायल के पक्ष में बदलाव, दी 'गोलान हाइट्स' की मान्यता

राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने इजरायल के पक्ष में बयान देते हुए कहा है कि अब समय आ गया है कि अमरीका गोलान हाइट्स को इसराइल के इलाक़े के रूप में मान्यता दे।

By Nitin AroraEdited By: Published: Sat, 23 Mar 2019 04:09 PM (IST)Updated: Sat, 23 Mar 2019 04:09 PM (IST)
अमेरिका का इजरायल के पक्ष में बदलाव, दी 'गोलान हाइट्स' की मान्यता

वॉशिंग्टन, एजेंसी। इजरायल को लेकर अमेरिका का बड़ा रुख सामने आया है। राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने इजरायल के पक्ष में बयान देते हुए कहा है कि अब समय आ गया है कि अमरीका 'गोलान हाइट्स' को इसराइल के इलाक़े के रूप में मान्यता दे। गुरुवार को ट्रंप ने अमेरिकी नीति में बदलाव करते हुए यह फैसला लिया और उम्मीद जताई कि इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू को इस फैसले से चुनाव के समय में फायदा मिलेगा। बता दें कि 'गोलान हाइट्स' को 1967 में इसराइल ने अपने कब्जे में ले लिया था।

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1967 में सीरिया से युद्ध के दौरान इसराइल ने 'गोलान हाइट्स' को अपने कब्जे में लिया था। लेकिन इसराइल को इसकी मान्यता नहीं मिल सकी थी। इजरायली पीएम नेतन्याहू द्वारा अमेरिका से 'गोलान हाइट्स' को इजराइली जमीन मानने के लिए मान्यता मांगी। पहली दफा फरवरी 2017 में व्हाइट हाउस में हुई ट्रम्प के साथ बैठक में इस मांग को उठाया गया।

ट्रंप ने ट्वीट कर कहा कि ये पठार इसराइल और क्षेत्र की स्थितरता के लिए रणनीतिक और सुरक्षा के लिहाज़ से बेहद अहम है।

इसराइल में 9 अप्रैल को चुनाव होने है और इसराइली पीएम इस समय भ्रष्टाचार के आरोपों में भी फंसे हुए, जो की वो इससे इन्कार करते है। तो ऐसे में ट्रम्प का यह कदम नेतन्याहू की मदद के खिसाब से काफी अहम हो जाता है। बता दें कि नेतन्याहू ट्रम्प के साथ बैठक करने के लिए अगले सप्ताह वाशिंगटन भी जाएंगे। जहां वो अमेरिकी इजरायल पब्लिक अफेयर्स कमेटी, या एआईपीएसी को संबोधित कर सकते हैं।

दूसरी तरफ इजरायल के कब्जे वाले गोलान में ड्रूज समुदाय के सदस्य अयमान अबू जबल ने फोन करके कहा, 'ना ही अमेरिका और ना ही इजराइल, ना ही ट्रम्प और ना ही नेतन्याहू, कोई भी गोलान हाइट्स के इतिहास को बदल नही सकता। यह सीरिया की जमीन है और उसी की रहेगी।'

इसराइल के प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू ने गोलान हाइट्स पर इसराइली इलाक़े के रूप में मान्यता देने के लिए राष्ट्रपति ट्रंप का शुक्रिया अदा किया।

नेतन्याहू ने ट्वीट किया, "ऐसे समय में जब ईरान, इसराइल को बर्बाद करने के लिए सीरिया को प्लेटफॉर्म के रूप में इस्तेमाल कर रहा है, राष्ट्रपति ट्रंप ने गोलन हाइट्स पर इसराइली संप्रभुता को मान्यता दी है। राष्ट्रपति ट्रंप का शुक्रिया."

जानकारी के मुताबिक 1967 में सीरिया से कब्जे में लिए गोलान हाइट्स पर अपना दावा बताते हुए इसराइल ने 1981 में इस इलाक़े पर अपना प्रशासन और क़ानून लागू कर दिया था, लेकिन दुनियाभर के देशों ने इसे मान्यता नहीं दी थी। वही सीरिया लगातार इस इलाक़े को वापस पाने के लिए लगातार कोशिशें कर रहा है।

गोलान हाइट्स क्या है और क्यों जरूरी है?

गोलान हाइट्स दक्षिणी-पश्चिमी सीरिया में स्थित एक पहाड़ी इलाका है। ये इलाका राजनीतिक और रणनीतिक रूप से खासा अहम है। गलील के समुद्र के पास 1,200 वर्ग किमी का पठार, सीरियाई और इसराएल पर विस्तृत दृश्य प्रदान करता है, जिससे इसे सामरिक सैन्य महत्व मिलता है।

इसराइल ने 1967 में सीरिया के साथ छह दिन के युद्ध के बाद गोलान हाइट्स पर कब्ज़ा कर लिया था। उस वक्त इलाके में रहने वाले ज्यादातर सीरियाई अरब लोग अपना-अपना घर छोड़कर चले गए थे। गोलान हाइट्स की चोटी से दक्षिणी सीरिया और सीरिया की राजधानी दमिश्क साफ नज़र आते हैं। ये दोनों इलाके यहां से करीब 60 किलोमीटर ही दूर है। यह पहाड़ी इलाका सीरिया से इसराइल की सुरक्षा के लिए ढाल का काम भी करता है।

गोलान हाइट्स में लगभग 40,000 हजार की आबादी बस चुकी है। इजराइल के लिए यह अपनी सेन्य शक्ति के लिए काफी अहम है।


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