ईरान पर फिर लगे अमेरिकी प्रतिबंध, भारत पर पड़ेगा गंभीर असर
अमेरिका ने ईरान पर फिर से प्रतिबंध लगा दिए। पांच नवंबर को दूसरे चरण के प्रतिबंध लागू होंगे। इन प्रतिबंधों का भारत के तेल आयात पर गंभीर असर पड़ने का अंदेशा है।
वाशिंगटन (प्रेट्र)। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को ईरान पर फिर से प्रतिबंध लगा दिए। पांच नवंबर को दूसरे चरण के प्रतिबंध लागू होंगे। इन प्रतिबंधों का भारत के तेल आयात पर गंभीर असर पड़ने का अंदेशा है। सन 2015 में ईरान के साथ परमाणु समझौता होने के बाद अमेरिका ने उस पर से प्रतिबंध हटा लिए थे लेकिन ट्रंप ने अपने पूर्ववर्ती बराक ओबामा के कार्यकाल में हुए समझौते को फिजूल करार देते हुए उसे तोड़ दिया था। प्रतिबंधों को लागू करते हुए ट्रंप ने यह भी कहा कि वह ईरान के साथ नया परमाणु समझौता करने के लिए तैयार हैं। इसके लिए दोनों देश बात शुरू कर सकते हैं।
ओबामा और दुनिया के शक्तिशाली देशों द्वारा ईरान के साथ किए परमाणु समझौते का ट्रंप शुरू से विरोध कर रहे थे। बीती मई में उन्होंने वह समझौता तोड़ दिया और ईरान पर सात अगस्त से प्रतिबंध फिर से प्रभावी होने की घोषणा की थी। इन प्रतिबंधों का भारत पर काफी असर होने की आशंका है। भारत और ईरान के बीच पारंपरिक रूप से बेहतर व्यापार संबंध हैं। भारत ईरान से काफी मात्रा में तेल आयात करता है, साथ ही उसकी तेल परियोजना में भी सहयोग दे रहा है। दोनों देशों के इन्हीं नजदीकी रिश्तों की वजह से ईरान ने भारत को चाबहार बंदरगाह में साझेदारी का मौका दिया है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, ईरान के ऑटोमोटिव सेक्टर और सोना व अन्य बहुमूल्य धातुओं का व्यापार भी इन प्रतिबंधों के दायरे में आएगा। प्रतिबंधों से ईरान का ऊर्जा क्षेत्र खासतौर से पेट्रोलियम से जुड़ा कारोबार प्रभावित होगा। सेंट्रल बैंक ऑफ ईरान के विदेशी आर्थिक संगठनों के लेन-देन पर भी रोक लगाई गई है। इससे ईरान की मुद्रा रियाल में और ज्यादा गिरावट आएगी और देश की अर्थव्यवस्था खराब होगी।
ट्रंप ने इन प्रतिबंधों को तोड़ने वालों को गंभीर दुष्परिणामों की चेतावनी दी है। उन्होंने दुनिया के सभी देशों से ईरान की नुकसान पहुंचाने वाले कार्यो को रोकने के लिए सहयोग की अपील की है। लेकिन इसी मौके पर राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि ईरान अगर अपनी दुराग्रहपूर्ण गतिविधियां रोके तो अमेरिका उसके साथ नया परमाणु समझौता और सहयोग करने के लिए तैयार है। इसके लिए ईरान को परमाणु हथियार विकसित करने, बैलेस्टिक मिसाइल बनाने और आतंकवाद के समर्थन वाले कार्य रोकने होंगे।