जल्द उड़ान के बीच आकार बदलने वाले ड्रोन तैनात करेगा अमेरिका, नई तकनीक विकसित
अमेरिकी सेना जल्द ऐसे ड्रोन तैनात करेगी जो उड़ान के बीच अपना आकार बदलने में सक्षम होंगे। इस कदम से अमेरिका की ड्रोन की क्षमता बेहतर हो जाएगी।
न्यूयार्क, आइएएनएस। अमेरिकी सेना के पास जल्द है ऐसे ड्रोन होंगे जो उड़ान के बीच अपना आकार बदलने में सक्षम होंगे। इस तकनीक से ड्रोन की क्षमता बेहतर हो जाएगी। अमेरिकी सेना की कांबैट कैपेबिलटी डेवलपमेंट कमांड की रिसर्च लैब के एयरोस्पेस इंजीनियर फ्रांसिस फिलिप्स ने बताया कि इस तकनीक के ड्रोन का इस्तेमाल करना और आसान होगा। यह इस तरह से है कि किसी निगरानी वाहन को कहीं जल्दी पहुंचना है या देर तक वहां मंडराते रहना है। दोनों स्थितियों के लिए अलग-अलग आकार के वाहन मुफीद रहेंगे।
उन्होंने कहा कि अगर किसी एक ही वाहन में दोनों स्थितियों में काम आने की सुविधा मिल जाए तो काम काफी आसान हो जाएगा। उन्होंने बताया कि अभी किसी स्थान पर जल्दी पहुंचने के लिए छोटे पर वाले ड्रोन की जरूरत पड़ती है जबकि लंबी दूरी तक जाने और देर तक हवा में बने रहने के लिए लंबे पर वाले ड्रोन की जरूरत पड़ती है। अब जो नई तकनीक विकसित की गई है उससे एक ही ड्रोन अलग-अलग परिस्थिति में अपने परों का आकार बदल सकता है। खास बात यह कि यह काम उड़ान के बीच में भी हो सकता है।
अमेरिकन आर्मी रिसर्च लैब और टेक्सास ए एंड एम यूनिवर्सिटी ने इस सप्ताह अमेरिकन इंस्टीट्यूट आफ एयरोनॉटिक्स एंड एस्ट्रोनॉटिक्स एविएशन फोरम एंड एक्सपोजीशन में वर्चुअल प्रेजेंटेशन में इस तकनीक की जानकारी दी। इसमें बताया गया कि उनकी रिसर्च में ऐसे टूल का पता चला है जो भविष्य में सीधी उड़ान भरने वाले ड्रोन के आकार को घटा-बड़ा सकेंगे। एक साल के भीतर सीधी उड़ान भरने वाले ड्रोन में इसका इस्तेमाल होने लगेगा जिससे बीच उड़ान में उनका आकार बदला जा सकेगा।
अमेरिका ने यह उपलब्धि ऐसे समय हासिल की है जब उसके रिश्ते चीन से खराब हो गए हैं। अभी कल ही अमेरिका ने भारत की सीमा पर तनाव बढ़ाने के लिए चीनी सेना की कड़ी आलोचना करते हुए चीनी कम्युनिस्ट पार्टी को 'दुष्ट' करार दिया था। चीन की सरकार पर बरसते हुए अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने कहा था कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी मुक्त दुनिया के नाटो जैसे संस्थानों द्वारा की गई प्रगति को निष्फल बनाना चाहती है।