Move to Jagran APP

नई परमाणु हथियार संधि पर जेनेवा में चर्चा करेंगे अमेरिका और रूस

रूस और अमेरिका की यह बैठक ऐसे समय पर हो रही है जब अगले माह अमेरिका इंटरमीडिएट-रेंज न्यूक्लियर फोर्सेज ट्रीटी (आइएनएफ) से बाहर होने जा रहा है।

By Nitin AroraEdited By: Published: Tue, 16 Jul 2019 07:54 PM (IST)Updated: Tue, 16 Jul 2019 07:54 PM (IST)
नई परमाणु हथियार संधि पर जेनेवा में चर्चा करेंगे अमेरिका और रूस
नई परमाणु हथियार संधि पर जेनेवा में चर्चा करेंगे अमेरिका और रूस

वाशिंगटन,  द न्यूयॉर्क टाइम्स। अमेरिका और रूस का उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल नई परमाणु हथियार संधि की संभावनाओं पर बुधवार को जेनेवा में चर्चा करेगा। परमाणु हथियारों की संख्या सीमित करने से जुड़ी इस संधि में अमेरिका और रूस के साथ ही चीन को भी शामिल करने की योजना है।

loksabha election banner

पिछले महीने जापान में हुए जी-20 सम्मेलन के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के सामने इस त्रिपक्षीय समझौते की पेशकश की थी। रूस ने जहां इसको लेकर दिलचस्पी दिखाई थी वहीं चीन ने ऐसे किसी भी समझौते में शामिल होने से मना कर दिया था।

रूस और अमेरिका की यह बैठक ऐसे समय पर हो रही है जब अगले माह अमेरिका इंटरमीडिएट-रेंज न्यूक्लियर फोर्सेज ट्रीटी (आइएनएफ) से बाहर होने जा रहा है। 1987 में हुए इस समझौते के तहत मध्यम दूरी तक मार करने वाली कई मिसाइलों को प्रतिबंधित किया गया था।

आइएनएफ को रद करने के साथ ही ट्रंप सरकार 2010 में हुए न्यू स्टार्ट समझौते को आगे बढ़ाने की इच्छा में नहीं है। इस समझौते की अवधि अगले 19 महीने में समाप्त हो रही है। पुतिन ने न्यू स्टार्ट को ही नवीनीकृत करने का सुझाव दिया था लेकिन ट्रंप नए सिरे से संधि करने पर अड़े हैं।

जेनेवा में होने जा रही बैठक में अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व उप विदेश मंत्री जॉन सुलीवान करेंगे। रूसी मामलों पर ट्रंप के मुख्य सलाहकार टिम मॉरिसन के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी और रक्षा मुख्यालय पेंटागन के भी कई अधिकारी भी इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल हैं। बैठक में रूसी दल का नेतृत्व उप विदेश मंत्री सर्गेई रयाबकोव करेंगे।

किसी बातचीत में शामिल नहीं होगा चीन

दुनियाभर में मौजूद 90 फीसद परमाणु हथियार अमेरिका और रूस के पास ही हैं। लेकिन एक खुफिया एजेंसी के अनुसार, अगले दशक तक चीन भी अपने परमाणु हथियारों की संख्या दोगुनी कर लेगा। इसी के चलते अमेरिका त्रिपक्षीय परमाणु समझौता करना चाहता है। लेकिन चीन के विदेश मंत्रालय का कहना है कि उनका देश ऐसी किसी भी बैठक का हिस्सा नहीं बनेगा क्योंकि उसे त्रिपक्षीय समझौते का कोई आधार नजर नहीं आ रहा। आइएनएफ समझौते से अमेरिका के बाहर होने का हवाला देते हुए चीन ने यह भी कहा कि उसे अमेरिका पर भरोसा नहीं है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.