ड्रोन हमले पर अमेरिका और पाकिस्तान में ठनी, सीआइए ने साधी चुप्पी
पाकिस्तान सरकार ने दावा किया था कि 24 जनवरी को बिना पूर्व सूचना के उसके क्षेत्र में अमेरिकी हवाई हमला हुआ।
वाशिंगटन, प्रेट्र/आइएएनएस। ड्रोन हमले में मारे गए आतंकियों को लेकर अमेरिका और पाकिस्तान में ठन गई है। पाकिस्तान का दावा है कि अमेरिकी ड्रोन हमले में उसकी सीमा के भीतर लोग मारे गए, जबकि अमेरिका ने कहा है कि उसने अफगानिस्तान सीमा के भीतर कार्रवाई की।
पाकिस्तान सरकार ने दावा किया था कि 24 जनवरी को बिना पूर्व सूचना के उसके क्षेत्र में अमेरिकी हवाई हमला हुआ। इस हमले में हक्कानी आतंकी नेटवर्क का कमांडर एहसन उर्फ ख्वारी अपने दो साथियों के साथ मारा गया था। यह हमला पाकिस्तान की खुर्रम एजेंसी इलाके में हुआ था। लेकिन अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल माइक एंड्रूज ने ऐसे किसी हमले से इन्कार किया है। कहा है कि अमेरिकी सेना की कार्रवाई अफगानिस्तान सीमा के भीतर चल रही है। उसका पाकिस्तानी क्षेत्र से कोई मतलब नहीं है।
तालिबान और उसके हक्कानी नेटवर्क के आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई को अमेरिकी सेना और खुफिया एजेंसी सीआइए अंजाम देती है। अमेरिकी सेना ने तो मामले में अपनी सफाई दे दी है, लेकिन सीआइए ने अभी तक 24 को हुए ड्रोन हमले को लेकर कुछ नहीं कहा है। अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा पर होने वाली इस तरह की कार्रवाइयों में वहां शरण पाए आतंकी सरगना मारे जाते रहे हैं। पाकिस्तान को सूचना दिए बगैर होने वाली इस तरह के हमलों के बाद वहां की सरकार दबी जुबान में विरोध जताती है। लेकिन अमेरिका उसे अनसुना कर देता है। इस बार हालात बदले हुए हैं। अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद पाकिस्तान का विरोधी स्वर तीखा हुआ है।
छह आतंकियों पर प्रतिबंध
अमेरिकी सरकार ने तालिबान और हक्कानी नेटवर्क से जुड़े छह आतंकियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। इन पर अफगानिस्तान में अमेरिकी सुरक्षा बलों पर हमले और उनके खिलाफ साजिश रचने का आरोप है। इनके पाकिस्तान में होने के सुबूत अमेरिकी एजेंसियों को मिले हैं। उनको लेकर अमेरिका ने पाकिस्तान से विरोध दर्ज करा दिया है। अमेरिकी वित्त मंत्रालय ने फिलहाल इनके नाम सार्वजनिक नहीं किए हैं।