अमेरिका का चीनी हैकरों पर लगाया कोविड-19 वैक्सीन के शोध को निशाना बनाने का आरोप
अमेरिकी न्याय विभाग ने दो चीनी हैकरों पर कोरोना वायरस के लिए टीका विकसित कर रही फर्मो को निशाना बनाने का आरोप लगाया है।
वाशिंगटन, एपी। अमेरिकी न्याय विभाग ने दो चीनी हैकरों पर दुनियाभर की कंपनियों के व्यापार से जुड़ी करोड़ों डॉलर मूल्य की गुप्त जानकारियों को चुराने और हाल ही में कोरोना वायरस के लिए टीका विकसित कर रही फर्मो को निशाना बनाने का आरोप लगाया है।
अधिकारियों ने बताया कि हाल के महीनों में हैकरों ने वैक्सीन और उपचार विकसित करने के अपने काम के लिए सार्वजनिक रूप से ज्ञात कंपनियों के कंप्यूटर नेटवर्क की कमियों पर शोध किया था। मामले में हैकर्स के खिलाफ व्यापार से जुड़ी गुप्त जानकारियां चोरी करने और धोखाधड़ी के आरोप शामिल हैं। यह मामला इस महीने की शुरुआत में वाशिंगटन राज्य की संघीय अदालत में दायर किया गया था, लेकिन इसे उजागर मंगलवार को किया गया। संघीय अभियोजकों का कहना है कि हैकरों ने न सिर्फ जानकारियां अपने लिए चुराईं बल्कि वे यह भी जानते थे कि इसमें चीन सरकार की दिलचस्पी होगी और ये उनके काम की हैं।
रूस ने चुराई कोरोना वैक्सीन के शोध से जुड़ी सूचनाएं, तीन देशों ने लगाया था आरोप
इससे पहले ब्रिटेन, अमेरिका और कनाडा ने रूस पर कोविड-19 वैक्सीन के निर्माण से जुड़े शोध की जानकारियों को चोरी करने की कोशिश का आरोप लगाया था। वहीं दूसरी ओर, रूस ने इस आरोप का खंडन किया था। तीनों देशों ने कहा था कि एपीटी 29 नाम का डाटा हैकिंग ग्रुप रूसी खुफिया सेवा का हिस्सा है। वह कोविड 19 वैक्सीन बनाने से जुड़ी संस्थाओं के डाटा पर हमला कर रहा है। रूस का यह हैकिंग ग्रुप कोजी बियर के नाम से जाना जाता है।
डाटा हैकिंग के जो प्रयास किए जा रहे हैं, उनसे सूचनाएं चोरी होने के साथ ही शोध कार्य में रुकावट आने की भी आशंका है। बयान में बताया गया है कि ब्रिटेन के नेशनल साइबर सिक्युरिटी सेंटर ने अमेरिका और कनाडा की एजेंसियों के सहयोग से इस रूसी हरकत को पकड़ा है। अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि कोई सूचना चोरी हुई है या नहीं। कोजी बियर का नाम 2016 के अमेरिकी चुनाव में हेरफेर करने की कोशिश में भी सामने भी आया था।