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COVID-19 vaccine: वैक्सीन के लिए ह्यूस्टन यूनिवर्सिटी ने भारतीय अमेरिकी कंपनी से मिलाया हाथ

COVID-19 vaccine कोविड-19 वैक्सीन के लिए दुनिया के तमाम देशों में शोध जारी है इस बीच ह्यूस्टन यूनिवर्सिटी ने भारतीय अमेरिकी कंपनी से हाथ मिलाया है ताकि एक अलग तरीके के वैक्सीन को लाइसेंस मिल सके जो वहां के भारतीय अमेरिकी वैज्ञानिक ने बनाई है।

By Monika MinalEdited By: Published: Wed, 14 Oct 2020 03:01 PM (IST)Updated: Wed, 14 Oct 2020 03:01 PM (IST)
COVID-19 vaccine: वैक्सीन के लिए ह्यूस्टन यूनिवर्सिटी ने भारतीय अमेरिकी कंपनी से मिलाया हाथ
वैक्सीन के लिए जारी है दुनिया में जद्दोजहद

ह्यूस्टन, प्रेट्र। COVID-19 vaccine: वैक्सीन के लिए दुनिया में जद्दोजहद जारी है और हो भी क्यों न संक्रमण का ग्राफ  हर दिन बढ़ता ही जा रहा है। इस क्रम में खतरनाक सांस की बीमारियों के लिए वैक्सीन विकसित करने के उद्देश्य से ह्यूस्टन यूनिवर्सिटी  (University of Houston, UH) ने भारतीय अमेरिकी कोफाउंडर बायोटेक कंपनी  ऑरावाक्स थेराप्यूटिक्स (AuraVax Therapeutics) से हाथ मिलाया है।

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हालांकि ह्यूस्टन यूनिवर्सिटी के पास केमिकल एंड बायोमॉलिक्यूलर इंजीनियरिंग के एमडी एंडरसन प्रोफेसर व भारतीय अमेरिकी को फाउंडर नवीन वरदराजन  (Navin Varadarajan) द्वारा विकसित इंट्रानेजल वैक्सीन टेक्नोलॉजी (intranasal vaccine technology ) को विशेष लाइसेंस  देने का विकल्प है। वरदराजन ने प्रेट्र को बताया, 'कोविड-19 महामारी की समस्या से निपटने के लिए जल्द एक सुरक्षित और बेहतर वैक्सीन की आवश्यकता है जिससे अभी पूरी दुनिया में करोड़ों लोग पीड़ित हैं।' उन्होंने कहा, 'हमने  कोविड-19 के खतरनाक वायरस को वहीं पर रोकने की योजना बनाई है जहां से यह मानव शरीर में प्रवेश करता है और वो है नेजल कैविटी ( nasal cavity ) और हमारा मानना है कि हमने  इंट्रानेजल प्लेटफार्म  को अलग तरीके से तैयार किया है जिससे वैक्सीन अधिक प्रभावी तरीके से इम्यूनटी बढ़ाएगा।' 

पूर्व-क्लीनिकल प्रयोगों के आधार पर वरदराजन ने कहा कि उनकी तकनीक न केवल ‘म्यूकोसल’ प्रतिरक्षा को बल्कि व्यवस्थित रूप से प्रतिरक्षा क्षमता को भी बढ़ावा देती है। कंपनी ऑरावाक्स अपनी वैक्सीन प्रणाली को नेक्सट जेनररेशन का बताती है जिसके तहत घर पर भी वैक्सीनेशन हो सकता है। उन्होंने कहा कि हम ह्यूस्टन विश्वविद्यालय के साथ सहयोग को लेकर उत्साहित हैं और विभिन्न श्वसन वायरसों पर काबू के लिए इस वैक्सीन को विकसित करने के लिए उत्सुक हैं।

पिछले साल के अंत में चीन के वुहान से निकले घातक कोरोना वायरस के संक्रमण से लड़ रही पूरी दुनिया में वैक्सीन को लेकर रिसर्च जारी है। अब तक दुनिया भर में इसके कारण 3 करोड़ 70 लाख से अधिक लोगों को यह वायरस संक्रमित कर चुका है वहीं मरने वालों का आंकड़ा देखें तो यह 10 लाख 80 हजार के पार जा चुका है। 


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