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अमेरिका ने स्‍तंभकार खशोगी हत्याकांड में सऊदी अदालत के फैसले को सराहा, कही यह बात

अमेरिका ने स्‍तंभकार खशोगी हत्याकांड में सऊदी अदालत के फैसले को सराहा कही यह बात

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Tue, 24 Dec 2019 09:50 AM (IST)Updated: Tue, 24 Dec 2019 09:55 AM (IST)
अमेरिका ने स्‍तंभकार खशोगी हत्याकांड में सऊदी अदालत के फैसले को सराहा, कही यह बात

वाशिंगटन, एएफपी। पत्रकार जमाल खशोगी हत्याकांड मामले में सऊदी अरब की अदालत द्वारा फैसला सुनाए जाने का अमेरिका ने स्‍वागत किया है। अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने मामले में एक निष्पक्ष और पारदर्शी न्यायिक प्रक्रिया शुरू करने के लिए सऊदी अरब की सराहना करते हुए कहा कि इस फैसले के जरिए जघन्‍य वारदात के जिम्मेदार लोगों को न्‍याय के कटघरे में लाना एक महत्वपूर्ण कदम है।

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उल्‍लेखनीय है कि पत्रकार जमाल खशोगी हत्याकांड में सऊदी अरब की अदालत ने पांच लोगों को मौत की सजा सुनाई है, जबकि तीन लोगों को 24 साल के कारावास की सजा दी गई है। सऊदी नागरिक खशोगी ज्यादातर अमेरिका में रहते थे और वहां के अखबार वाशिंगटन पोस्ट में अरब जगत की गतिविधियों पर संबंधित स्तंभ लिखते थे। उन्हें सऊदी अरब के युवराज मुहम्मद बिन सलमान का कटु आलोचक माना जाता था।

खशोगी तुर्की के इस्तांबुल शहर में स्थित सऊदी अरब के वाणिज्य दूतावास में दो अक्टूबर, 2018 को जब अपने वीजा से संबंधित दस्तावेज देने गए थे, तभी वहां उनकी हत्या कर दी गई थी। दूतावास के बाहर मौजूद उनकी पत्नी की शिकायत पर मामला दर्ज हुआ और जांच आगे बढ़ी। माना गया कि युवराज मुहम्मद बिन सलमान के निर्देश पर खशोगी की हत्या हुई थी। पत्रकार खशोगी की हत्या की पूरी दुनिया में प्रतिक्रिया हुई। सऊदी अरब के मित्र अमेरिका ने इस पर निष्पक्ष जांच के लिए कहा।

उप लोक अभियोजक ने बताया कि अदालत ने हत्या में सीधे तौर पर शामिल पांच लोगों को मौत की सजा सुनाई है। लेकिन उनके नाम सार्वजनिक नहीं किए गए हैं। कहा गया था कि सऊदी अरब के उप खुफिया प्रमुख अहमद अल-असीरी की देखरेख में इस्तांबुल स्थित वाणिज्य दूतावास में जुर्म को अंजाम दिया गया।

अहमद को शाही दरबार के मीडिया प्रमुख सऊद अल-कहतानी ने इस कार्य के लिए कहा था। लेकिन जांच में दोनों की भूमिका साबित करने वाले पर्याप्त सुबूत एजेंसियों को नहीं मिले। इसलिए उन्हें बरी कर दिया गया है। मामले में 11 लोगों को आरोपित किया गया था। इनमें पांच लोगों को मौत की सजा दी गई जबकि तीन अन्य लोगों को कुल 24 साल के कारावास की सजा दी गई है। बाकी के तीन लोगों को बरी कर दिया गया है। उप लोक अभियोजक ने बताया कि अदालत ने मामले की नौ सत्रों में सुनवाई की। सुनवाई के दौरान अंतरराष्ट्रीय समुदाय के प्रतिनिधि और खशोगी के रिश्तेदार भी मौजूद रहे। जांच में पाया गया कि खशोगी की हत्या पूर्व नियोजित नहीं थी। 


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