अमेरिका में 24 घंटे में 2,448 संक्रमितों की मौत, संक्रमितों का आंकड़ा 1,292,850 के पार
अमेरिका में लॉकडाउन खोलने के दबाव के बीच कोरोना संक्रमितों की मौत का सिलसिला नहीं थमा है। देश में 24 घंटे में 2448 कोरोना संक्रमितों की मौत हो चुकी है।
वाशिंगटन, एजेंसी। अमेरिका में लॉकडाउन खोलने के दबाव के बीच कोरोना संक्रमितों की मौत का सिलसिला नहीं थमा है। देश में 24 घंटे में 2448 कोरोना संक्रमितों की मौत हो चुकी है। इसके साथ ही अमेरिका में मरने वाालों की संख्या 75,543 के पार हो गई है। कोरोना में संक्रमितों का आंकड़ा 1,292,850 के पार जा चुका है। राहत देने वाली खबर यह है कि 217,251 कोरोना मरीज ठीक होकर घर जा चुके हैं।
उधर, अमेरिकी स्वास्थ्य अधिकारियों ने खुलासा किया है कि न्यूयॉर्क को छोड़कर देश के जिन क्षेत्रों में लॉकडाउन से छूट दी जा रही है, वहां कोरोना वायरस के मामलों की दर बढ़ रही है। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि लॉकडाउन से छूट को नहीं रोका गया और संक्रमण की दर धीमी नहीं हुई तो आने वाले समय में हजारों लोगों की मौत हो सकती है। जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के अनुसार, अमेरिका में अब भी रोजाना बीस हजार से ज्यादा संक्रमित सामने आ रहे हैं जबकि एक हजार से ज्यादा मौतें हो रही हैं।
समाचार एजेंसी एपी के अनुसार विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि अप्रैल महीने में कोरोना संक्रमण के रोजाना औसतन 80 हजार केस आए हैं। डब्ल्यूएचओ की मानें तो भारत और बांग्लादेश जैसे दक्षिण एशियाई देशों में संक्रमण के मामलों में तेजी से इजाफा हो रहा है जबकि पश्चिमी यूरोप जैसे क्षेत्रों में मामलों में कमी देखी जा रही है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि अप्रैल में हर दिन औसतन 80,000 कोरोना वायरस के मामले सामने आए। संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष स्वास्थ्य एजेंसी ने कहा है कि भारत और बांग्लादेश जैसे दक्षिण एशियाई देशों में संक्रमण में वृद्धि देखने को मिल रही है, तो वहीं पश्चिमी यूरोप जैसे क्षेत्र संख्या में कमी आ रही है।
उधर, डब्ल्यूएचओ ने भारत समेत कुछ अन्य देशों में कोरोना के बढ़ते मामलों पर चिंता व्यक्त की है। इसके साथ ही डब्ल्यूएचओ ने ये भी कहा है कि लॉकडाउन में ढील देते समय सरकारों को सावधानी बरतनी चाहिए। स्वास्थ्य आपदा कार्यक्रम के कार्यकारी निदेशक डॉ. माइकल जे. रेयान ने कहा कि कुछ देशों में जहां नए मामले बढ़ रहे हैं वहीं कुछ देशों में कम हो रहे हैं। संख्या के साथ ही उन देशों में इस महामारी से आने वाले खतरे को देखते हुए वह भारत, रूस, बंगलादेश, अफगानिस्तान, सूडान, फिलिस्तीन, यमन जैसे देशों व दक्षिण और मध्य अमेरिका जैसे क्षेत्रों को लेकर चिंतित हैं। वहीं दूसरी तरफ यूनिसेफ ने एक रिपोर्ट में आशंका जताई गई है कि आने वाली पीढ़ी पर भी इसका बुरा असर दिखाई दे सकता है।