सुरक्षा परिषद में सुधार के लिए भारत ने किया नए रास्ते पर विचार का आह्वान
अकबरुद्दीन ने जोर देकर कहा, प्रक्रिया में सुधार के लिए ठोस रास्ता बनाने के वास्ते चर्चा के लिए जितना भी समय लगे, उसे दिया जाना चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र, प्रेट्र। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की धीमी गति से नाखुश भारत ने सदस्य देशों से मामले को विश्वसनीय तरीके से आगे बढ़ाने का वैकल्पिक रास्ता तलाशने का आह्वान किया है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने सुरक्षा परिषद की सदस्य संख्या में विस्तार पर अनौपचारिक बैठक में कहा, परिषद में सुधार की प्रक्रिया बेमिसाल और एक तरह से जड़ता की शिकार है। इसमें औपचारिकता के लिए कोई स्थान नहीं है।
अकबरुद्दीन ने जोर देकर कहा प्रक्रिया में सुधार के लिए ठोस रास्ता बनाने के वास्ते चर्चा के लिए जितना भी समय लगे, उसे दिया जाना चाहिए। जिससे सुरक्षा परिषद में विस्तार को लेकर स्पष्ट मानदंड तय हो सकें। उन्होंने कहा, हर सुझाव के लिए दुष्कर लगने वाला इन्कार जाहिर तौर पर जवाब नहीं हो सकता। जरूरी है कि सुरक्षा परिषद में सुधार की प्रक्रिया को बेहतर बनाने के लिए वैकल्पिक रास्ता देखा जाए।
अगर हमने इस मामले में अपने सर्वश्रेष्ठ उपाय नहीं किए तो सुरक्षा परिषद में सुधार की प्रक्रिया ठंडे बस्ते में पड़ी रहेगी। इसलिए सभी देशों को इस मामले में मिलकर प्रयास और चर्चा किए जाने की जरूरत है।
उल्लेखनीय है कि सुरक्षा परिषद में सुधार के लिए देशों की सरकारों के बीच चर्चा की शुरुआत सन 2008 में हुई थी लेकिन दस साल से ज्यादा समय गुजरने के बाद भी इसमें ठोस नतीजा सामने नहीं आ सका है। पिछले 25 साल से परिषद में सुधार का कोई कदम नहीं उठाया गया है। अकबरुद्दीन ने कहा, वैश्विक चुनौतियां बदल रही हैं। उन चुनौतियों से निपटने के लिए विश्व व्यवस्था में सुधार की जरूरत है।