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यूएन की परमाणु प्रतिबंध संधि हुई प्रभावी, पचास देशों ने परमाणु हथियारों पर रोक लगाने के लिए किए हस्ताक्षर

संधि का अमेरिका सहित प्रमुख शक्तिशाली देशों ने विरोध किया है। परमाणु हथियारों को नष्ट करने संबंधी अंतरराष्ट्रीय अभियान के कार्यकारी निदेशक बेट्राइस फिन ने कहा कि जिन पचास देशों ने इस पर हस्ताक्षर किए हैं। ये वो देश हैं जो दुनिया को नैतिक नेतृत्व का रास्ता दिखा रहे हैं।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Sun, 25 Oct 2020 05:46 PM (IST)Updated: Sun, 25 Oct 2020 05:46 PM (IST)
पचास देशों की मंजूरी के साथ ही प्रतिबंध संधि प्रभावी हो गई है।

संयुक्त राष्ट्र, एपी। संयुक्त राष्ट्र संघ ने शनिवार को कहा कि पचास देशों ने परमाणु हथियारों पर रोक लगाने के लिए प्रतिबंध संधि पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। पचासवां देश होंडुरास है। पचास देशों की मंजूरी के साथ ही प्रतिबंध संधि प्रभावी हो गई है।

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यह प्रस्ताव परमाणु विरोधी कार्यकर्ताओं के द्वारा लाया गया। संधि का अमेरिका सहित प्रमुख शक्तिशाली देशों ने विरोध किया है। परमाणु हथियारों को नष्ट करने संबंधी अंतरराष्ट्रीय अभियान के कार्यकारी निदेशक बेट्राइस फिन ने कहा कि जिन पचास देशों ने इस पर हस्ताक्षर किए हैं, ये वो देश हैं जो दुनिया को नैतिक नेतृत्व का रास्ता दिखा रहे हैं। इसके प्रभावी होने के लिए पचास देशों की मंजूरी आवश्यक थी। यूएन ने इसकी पुष्टि भी कर दी है।

ज्ञात हो कि जिन देशों के पास परमाणु शक्ति है, उनके द्वारा पहले से ही इस संधि पर हस्ताक्षर करने से इन्कार कर दिया गया है। इनमें अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन और फ्रांस हैं।

सयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव एंटोनिओ गुतेरस ने इस पहल का स्वागत करते हुए कहा है कि अभी इस कार्य में हमें कई बाधाओं को दूर करना है।

प्रतिबंध का प्रस्ताव जुलाई, 2017 में पेश किया गया था। इस पर 193 सदस्यों में से 122 ने समर्थन में वोटिंग की थी।

कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए जी20 देशों के एकजुट रहने की अपील

वहीं, दूसरी ओर संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने जी20 देशों से कोरोना महामारी के खिलाफ एकजुट लड़ाई की अपील की है। संयुक्त राष्ट्र प्रमुख का कहना है कि यह बहुत निराशाजनक है कि 20 प्रमुख औद्योगिक देशों के नेता मार्च में एक साथ नहीं आए और उन्होंने सभी देशों में कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में एकजुटता नहीं दिखाई। उन्होंने आगे कहा कि नतीजा यह है कि हर देश कभी-कभी विरोधाभासी कार्रवाई कर रहे हैं, और कोरोना वायरस पूर्व से पश्चिम, उत्तर से दक्षिण, संक्रमण की दूसरी लहरों के साथ अब कई देशों को प्रभावित कर रहा है।


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