Move to Jagran APP

रोहिंग्या शरणार्थियों पर UN की दुनिया से अपील, हालात बेहद खराब; मदद के लिए आगे आएं

जोआना रोनेका ने कहा है कि रोहिंग्या शरणार्थियों की समस्या पर विश्व निकाय को उनकी मदद के लिए कुछ करना चाहिए।

By Arti YadavEdited By: Published: Fri, 04 May 2018 11:56 AM (IST)Updated: Fri, 04 May 2018 01:04 PM (IST)
रोहिंग्या शरणार्थियों पर UN की दुनिया से अपील, हालात बेहद खराब; मदद के लिए आगे आएं
रोहिंग्या शरणार्थियों पर UN की दुनिया से अपील, हालात बेहद खराब; मदद के लिए आगे आएं

संयुक्त राष्ट्र, (आईएएनएस)| संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की मई महीने की अध्यक्ष पोलैंड की राजदूत जोआना रोनेका ने कहा है कि रोहिंग्या शरणार्थियों की समस्या पर विश्व निकाय को उनकी मदद के लिए कुछ करना चाहिए। सिन्हुआ समाचार एजेंसी के अनुसार रोनेका ने इस सप्ताह के शुरू में बांग्लादेश में म्यांमार रोहिंग्या शरणार्थी शिविरों का दौरा करने के बाद गुरुवार को यह टिप्पणी की।

loksabha election banner

परिषद के कार्यक्रम पर मासिक बैठक के दौरान संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में रोनेका ने संवाददाताओं से कहा कि जब आप देखते हैं कि लोगों को पीड़ित किया जा रहा है तो कुछ ना कुछ करना पड़ता है। मुख्य सवाल यह है कि पीड़ितों की मदद कैसी की जाए। रोनेका ने कहा कि सुरक्षा परिषद 14 मई को रोहिंग्या स्थिति पर एक औपचारिक बैठक करेगी।

सुरक्षा परिषद की अध्यक्ष ने कहा कि यह संभव है कि पैनल पीआरएसटी अपना सकता है क्योंकि हम एकजुट हैं और निश्चित रूप से कुछ करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। पीआरएसटी एक संकल्प के नीचे का कदम है, जिसे राष्ट्रपति द्वारा औपचारिक सुरक्षा परिषद की बैठक में पढ़ा जाता है और यह विश्व संगठन का आधिकारिक दस्तावेज बन जाता है।

रोनेका ने आगे जानकारी दी कि शिविरों में रहना मुश्किल है। हालात बेहद खराब हैं क्योंकि मानसून मौसम के कारण बांग्लादेश में बारिश होने का जोखिम होता है। मॉनसून पहले से ही शुरू हो चुका है और कुछ क्षेत्रों में बाढ़ आ गई है, जिससे बीमारियों के फैलने का खतरा है।

रोनेका ने कहा कि मुझे विशेष रूप से महिलाओं के साथ बात करने का मौका मिला क्योंकि वे बच्चों के साथ सबसे ज्यादा प्रभावित हुई हैं। शरणार्थी हमेशा के लिए कैंप में नहीं रह सकते हैं। सवाल यह है कि उन्हें वापस अपने घर भेजने के लिए कैसे मदद की जाएं।

बता दें कि पिछले साल अगस्त में रखाइन में सेना चौकियों पर आतंकी हमले के बाद सूबे में रोहिंग्या मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा भड़क उठी थी। इसके बाद करीब सात लाख रोहिंग्या मुस्लिमों ने बांग्लादेश के कॉक्स बाजार क्षेत्र में शरण ली थी। रखाइन में कार्रवाई को लेकर म्यांमार की सेना पर योजनाबद्ध तरीके से रोहिंग्या मुस्लिमों के दमन का आरोप लगा था। म्यांमार सरकार ने हालांकि इस आरोप को नकार दिया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.