साइबर अपराध से जंग को रूस का प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र में पारित, अमेरिका ने किया था विरोध
साइबर अपराध से लड़ने के लिए एक नई अंतरराष्ट्रीय संधि का मसौदा तैयार करने के रूस के प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र ने शुक्रवार को मंजूरी प्रदान कर दी।
संयुक्त राष्ट्र, एपी। साइबर अपराध से लड़ने के लिए एक नई अंतरराष्ट्रीय संधि का मसौदा तैयार करने के रूस के प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र ने शुक्रवार को मंजूरी प्रदान कर दी। आपराधिक उद्देश्य से सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी का बेजा इस्तेमाल रोकने को लेकर रूस द्वारा पेश इस प्रस्ताव के पक्ष में 79, जबकि विरोध में 60 वोट पड़े। इस दौरान 33 देश अनुपस्थिति रहे। अमेरिका, यूरोपीय यूनियन और दूसरे देशों की आपत्ति के बावजूद मंजूर इस प्रस्ताव के तहत सूचना और संचार प्रौद्योगिकी का गलत इस्तेमाल रोकने के लिए दुनियाभर के साइबर विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया जाएगा। अपने कामकाज की रूपरेखा तैयार करने के लिए अगस्त 2020 में इस समिति की बैठक होगी।
महासभा में वोटिंग से पहले अमेरिका की उप राजदूत चेरिथ नार्मन शैले ने कहा कि यह प्रस्ताव साइबर अपराध से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग को कमजोर करेगा। इतना ही नहीं, यह साइबर अपराध से निपटने के लिए किए जा रहे वैश्विक प्रयासों को विफल करने का भी काम करेगा। वहीं यूरोपीय यूनियन की तरफ से फिनलैंड की प्रतिनिधि ने जोर देकर कहा कि जब संयुक्त राष्ट्र का मौजूदा अंतर सरकारी विशेषज्ञ समूह पहले से ही साइबर अपराध जैसे विषयों से निपट रहा है तो ऐसे में नई संधि की क्या जरूरत है? उधर, रूस के प्रतिनिधि ने कहा कि प्रस्ताव में इस बात का जिक्र है कि नई समिति को साइबर अपराध पर अगले साल आने वाली विशेषज्ञ समूह की सिफारिशों को भी ध्यान में रखना होगा। रूसी प्रतिनिधि ने कहा कि 2021 में नई संधि पर काम शुरू होगा।
नेपाल ने साइबर क्राइम के संदेह में 122 चीनी नागरिकों को पकड़ा
हाल ही में नेपाल की पुलिस ने पर्यटक वीजा पर आए 122 चीनी नागरिकों को हिरासत में लिया। इन लोगों पर साइबर अपराध को अंजाम देने के साथ बैंक की कैश मशीनों को हैक करने का भी संदेह है। राजधानी काठमांडू के पुलिस प्रमुख उत्तम सूबेदी ने सोमवार को कहा कि पकड़े गए सभी लोगों के पासपोर्ट और लैपटॉप जब्त कर लिए गए हैं। नेपाल में संदिग्ध आपराधिक गतिविधियों के आरोप में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में विदेशी नागरिकों को पकड़ा गया है।