Impeachment of American President: ट्रंप के फोन के 90 मिनट बाद रोक दी गई थी यूक्रेन की मदद
पेंटागन के अधिकारियों को भेजे ईमेल में ऑफिस ऑफ मैनेजमेंट एंड बजट के अधिकारी माइकल डफी ने इस सहायता को रोकने के लिए कहा था।
वॉशिंगटन, एजेंसी। अमेरिका में बजट का काम देखने वाले एक अधिकारी ने रक्षा विभाग पेंटागन को यूक्रेन को दी जाने वाली सैन्य सहायता रोकने के लिए कहा था। इस अधिकारी के आदेश से करीब 90 मिनट पहले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके यूक्रेनी समकक्ष वोलोदिमिर जेलेंस्की के बीच फोन पर वह कथित बातचीत हुई थी, जिसको लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति को महाभियोग का सामना करना पड़ रहा है।
यह जानकारी एक ईमेल से सामने आई है। यह ईमेल सेंटर फॉर पब्लिक इंटीग्रिटी की ओर से प्रकाशित कई ईमेल का हिस्सा है। ट्रंप पर आरोप है कि उन्होंने अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी जो बिडेन की जांच कराने के लिए यूक्रेन पर दबाव बनाया था और इसके लिए उसे दी जाने वाली 40 करोड़ डॉलर (करीब 2850 करोड़ रुपए) की सहायता रोक दी थी।
सुबह भेजा गया था ईमेल
पेंटागन के अधिकारियों को भेजे ईमेल में ऑफिस ऑफ मैनेजमेंट एंड बजट के अधिकारी माइकल डफी ने इस सहायता को रोकने के लिए कहा था। यह ईमेल सुबह 11 बजकर चार मिनट पर भेजा गया था। गत 25 जुलाई को इसके ठीक 90 मिनट पहले ट्रंप ने जेलेंस्की से फोन पर कथित विवादित बातचीत की थी। ईमेल में डफी ने यह भी कहा था कि अनुरोध की संवदेनशील प्रकृति को देखते हुए मैं चाहता हूं कि इस जानकारी को गोपनीय रखा जाए।
विपक्षी नेता ने ईमेल को विस्फोटक करार दिया
हालांकि दो दिसंबर को रिपब्लिकन सदस्यों ने प्रतिनिधि सभा (अमेरिकी संसद के निचले सदन) में इस कदम का यह कहते हुए बचाव किया था कि विदेशी सहायता में विलंब होना कोई नई बात नहीं है। रिपब्लिकन सीनेटर रॉन जॉनसन ने कहा, सामने आए नए ईमेल से इस विषय में कोई नई जानकारी सामने नहीं आती। राष्ट्रपति का विचार यह था कि अमेरिका के करदाताओं का मेहनत से कमाया पैसा ऐसे देश को दिया जाना चाहिए या नहीं जहां भ्रष्टाचार के मामले सिर्फ उजागर ही नहीं हुए हैं बल्कि साबित भी हो चुके हैं। लेकिन संसद के उच्च सदन सीनेट के डेमोक्रेट सदस्य चक शूमर ने रविवार को एक ट्वीट में इन ईमेल को विस्फोटक करार दिया।
उन्होंने कहा, 'आर्थिक मदद को रोकने में कुछ गलत नहीं था तो माइकल डफी इस बात को छिपा कर क्यों रखना चाहते थे। अब इन ईमेल के सामने आने के बाद डफी और अन्य को सीनेट की कार्यवाही में गवाही देनी ही चाहिए।' उल्लेखनीय है कि ट्रंप ने व्हाइट हाउस के कुछ अधिकारियों की गवाही से इनकार कर दिया है।