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चुनाव में हार के बाद राष्‍ट्रपति कुर्सी नहीं छोड़ने पर अड़े थे ट्रंप, 25वें संशोधन की केवल चर्चा पर खाली हुआ व्‍हाइट हाउस

चुनाव के नतीजे आने के बाद राष्‍ट्रपति ट्रंप अपनी जीत का दावा कर रहे थे। चुनाव से पहले भी उन्‍होंने कहा था कि अगर वह हार गए तो आसानी से अपनी हार स्‍वीकार नहीं करेंगे। वह बार-बार दोहरा रहे थे कि चुनाव में धोखाधड़ी और धांधली हुई है।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Fri, 17 Dec 2021 05:02 PM (IST)Updated: Fri, 17 Dec 2021 05:39 PM (IST)
राष्‍ट्रपति चुनाव में हार के बाद राष्‍ट्रपति कुर्सी नहीं छोड़ने पर अड़े थे ट्रंप।

नई दिल्‍ली, जेएनएन। जनवरी, 2020 में अमेरिकी राष्‍ट्रपति चुनाव के नतीजे आ चुके थे। इस चुनाव में रिपब्लिकन उम्‍मीदवार और तत्‍कालीन राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप अपने प्रतिद्वंद्वी जो बाइडन से चुनाव हार चुके थे। राष्‍ट्रपति ट्रंप के समर्थक चुनावी नतीजों से नाखुश थे। ट्रंप समर्थकों ने राजधानी वाशिंगटन डीसी में स्थिति कैपिटल बिल्डिंग में घुसकर जमकर हंगामा किया था। अमेरिका में ट्रंप समर्थकों ने हिंसा की थी। चुनाव के नतीजे आने के बाद राष्‍ट्रपति ट्रंप अपनी जीत का दावा कर रहे थे। चुनाव से पहले भी उन्‍होंने कहा था कि अगर वह हार गए तो आसानी से अपनी हार स्‍वीकार नहीं करेंगे। वह बार-बार दोहरा रहे थे कि चुनाव में धोखाधड़ी और धांधली हुई है। हालांकि, अपने दावों को पुष्ट करने के लिए उन्होंने अब तक एक भी सबूत नहीं दिए हैं। ट्रंप के इस स्‍टैंड से अमेरिका में लोकतांत्रिक प्रक्रिया खतरे में थी। दुनिया के सबसे पुराने और ताकतवर लोकतंत्र पर खतरे के बादल मंडरा रहे थे।

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क्‍या है 25वां संशोधन, इस प्रावधान से क्‍यों सहमे ट्रंप

1- एक तरफ नवनिर्वाचित अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन को 20 जनवरी को शपथ लेनी थी, दूसरी ओर अमेरिका में अप्रत्‍याशित अराजकता का महौल था। ऐसे में सवाल उठ रहे थे कि 20 जनवरी को ट्रंप का कार्यकाल खत्‍म होने से पहले उन्‍हें हटाया जा सकता था। इस बात पर भी चर्चा हुई थी कि क्‍या ट्रंप को अमेरिकी संविधान के 25वें संशोधन का सहारा लेकर हटना मुमक‍िन है।

2- आम तौर पर अमेरिकी राष्‍ट्रपति को हटाने के लिए महाभियोग की प्रक्रिया होती है, जिसके जरिए अमेरिकी संसद राष्‍ट्रपति को पद से हटा सकती है। पहली बार 25वें संशोधन की मदद से राष्‍ट्रपति की अपनी ही कैबिनेट उन्‍हें पद से हटा सकती है। हालांकि, अमेरिका के संविधान में 25वें संशोधन की जरूरत वर्ष 1963 में उस वक्‍त पड़ी थी, जब तत्‍कालीन राष्‍ट्रपति जान एफ केनेडी की अचानक हत्‍या कर दी गई थी। यह भी खबर आई कि उप राष्‍ट्रपति लिंडन जानसन भी घायल हो गए हैं। इसके बाद अमेरिका में एक राजनीतिक संकट की स्थिति उत्‍पन्‍न हो गई थी। हालांकि, बाद में स्थिति नियंत्रण में आ गई। इस घटना के बाद जानसन ने राष्‍ट्रपति पद की शपथ ली थी।

3- केनेडी की हत्‍या के दो वर्ष बाद 1965 में अमेरिकी संसद ने 25वें संशोधन का प्रस्‍ताव रखा और दो वर्ष बाद 1967 में इसे मंजूरी मिली। इसके पूर्व तक अमेरिका के संविधान में ऐसी कोई व्‍यवस्‍था नहीं थी कि राष्‍ट्रपति की अचानक मौत, हत्‍या इस्‍तीफा या उनके पद संभालने में असमर्थ हो जाने पर उनका उत्‍ताधिकारी कौन होगा। 25वां संशोधन इस संवैधानिक संकट की समस्‍या का समाधान करता है। 25वें संशोधन की मदद से राष्ट्रपति को पद से हटाने के लिए मंत्रिमंडल को बहुमत से और उप राष्ट्रपति के साथ मिलकर इस आशय के पत्र पर हस्ताक्षर करना होगा कि मौजूदा राष्ट्रपति अपने कर्तव्यों का पालन करने में असमर्थ हैं।

4- अमेरिकी संविधान के 25वें संशोधन में मुख्यत: यही कहा गया है कि जब कोई राष्ट्रपति मानसिक या शारीरिक रूप से फिट न हो तो उसे पद से हटाया जा सकता है। 25वें संशोधन में कुल 4 सेक्शन हैं। इसके पहले सेक्‍शन में यदि किसी राष्ट्रपति को उनके पद से हटाना पड़ता है, उनकी मौत हो जाती है या फिर वे किसी कारणवश इस्तीफा दे देते हैं, तो फिर इस परिस्थिति में उपराष्ट्रपति ही राष्ट्रपति का पद संभालेंगे। इसके दूसरे सेक्‍शन में अगर उपराष्ट्रपति का पद भी खाली होता है तो फिर उस स्थिति में राष्ट्रपति, उपराष्‍ट्रपति को नामित करेगा। तीसरे सेक्शन में राष्ट्रपति द्वारा सत्ता सौंपने को लेकर जिक्र किया गया है। इसके अंतर्गत यदि राष्ट्रपति अपनी अक्षमता या अयोग्यता की घोषणा करने में सक्षम है, तो उपराष्ट्रपति कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभालेगा। इस लिहाज से चौथा सेक्शन सबसे अहम है। इस सेक्शन के अनुसार यदि राष्ट्रपति सत्ता हस्तांतरित करने में या फिर अपनी जिम्मेदारियों को निभाने में सक्षम नहीं है या अयोग्य है तो फिर उसे पद से हटाया जा सकता है।


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