Move to Jagran APP

थैंक्‍सगीविंग डे पर ट्रंप क्‍यों पहुंचे अफगानिस्‍तान, कहां पर है US राष्‍ट्रपति की नजर, पढ़ें खबर

Thanksgiving अमेरिकी राष्‍ट्रप‍ति ट्रंप की अचानक अफगानिस्‍तान यात्रा बेवजह नहीं है। उनकी यात्रा के पीछे एक बड़ा सियासी राज है।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Fri, 29 Nov 2019 09:50 AM (IST)Updated: Sat, 30 Nov 2019 11:05 AM (IST)
थैंक्‍सगीविंग डे पर ट्रंप क्‍यों पहुंचे अफगानिस्‍तान, कहां पर है US राष्‍ट्रपति की नजर, पढ़ें खबर

नई दिल्‍ली, जागरण स्‍पेशल। अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप अचानक अफगानिस्‍तान की यात्रा पर निकल गए। राष्‍ट्रपति ट्रंप ने कहा कि यह उनकी कोई आधिकारिक यात्रा नहीं, बल्कि इस यात्रा का मकसद थैंक्‍सगीविंग छुट्टियां मनाने के लिए है। एक अमेरिकी राष्‍ट्रपति का अचानक अफगानिस्‍तान निकल जाना और अमेरिकी सैनिकों के साथ टाइम सपेंट करना कुछ अटपटा सा नहीं लगा। ट्रंप अफगानिस्‍तान में करीब साढ़े तीन घंटे रहे। उन्‍होंने अधिकतर पल अमेरिकी सैनिकों के साथ गुजारे। उनकी कुशल क्षेम पूछी। उनके साथ डिनर भी किया। दरअसल, ट्रंप अपनी अफगानिस्‍तान यात्रा की असली वजह बहुत चतुराई से छिपा ले गए। ट्रंप की अफगानिस्‍तान पहुंचना बेवजह नहीं है। हम आपको बताते हैं इसके पीछे का सच। किन वजहों से राष्‍ट्रपति ट्रंप छुट्टियां मनाने अफगानिस्‍तान पहुंच गए।

loksabha election banner

2020 में अमेरिकी राष्‍ट्रपति चुनाव पर सबकी नजर

दरअसल, 2020 में राष्‍ट्रपति चुनाव हैं। ट्रंप की अब पूरी कसरत और रणनीति इसी चुनाव के मद्देनजर है। ऐसे में तुर्की और अफगानिस्‍तान अमेरिकी राष्‍ट्रपति ट्रंप के लिए बड़ी चुनौती है। अफगानिस्‍तान में शांति प्रकिया को अंजाम तक पहुंचाना ट्रंप प्रशासन की एक टेढ़ी खीर है। चुनाव से पहले ट्रंप इस शांति प्रक्रिया को संपन्‍न करना चाहते हैं, जिससे अफगानिस्‍तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी सुनिश्चित हो सके। यह तभी संभव है जब तालिबान के साथ उनकी शांति वार्ता अंजमा तक पहुंचे।  

इस बार चुनाव में वह यह साबित करना चाहेंगे कि उन्‍होंने कई अमेरिकी समस्‍याओं का समाधान निकाला है। अपनी विदेश नीति को सफल साबित कर इसे चुनावी ढाल तैयार कर सकते हैं। 

अफगानिकस्‍तान में लंबी अवधि से अमेरिकी सैनिक

अफगानिस्‍तान में अमेरिकी सैनिक काफी लंबे वक्‍त से है। अफगानिस्‍तान में निर्वाचित सरकार के बावजूद करीब 12 हजार अमेरिकी सैनिक अफगानिस्‍तान में तालिबान में संघर्ष कर रहे हैं। अफगानिस्‍तान में खरबों खर्च करने के बाद भी अमेरिका कुछ हासिल नहीं कर सका है। अब वह केवल यहां से किसी तरह इज्‍जत बचाकर भागने का इंतजार कर रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप अफगानिस्तान में 18 साल से चले रहे संघर्ष को खत्म करना और वहां से अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाना चाहते हैं। अमेरिका में 11 सितंबर 2001 को हुए हमले के बाद इस संघर्ष की शुरुआत हुई थी। 

शांति और स्थिरता की तलाश में अफगानिस्‍तान

अफगानिस्‍तान दक्षिण एशिया का वो देश है जहां के लोग वर्षों से शांति और स्थिरता की बाट जोह रहे हैं। यहां पर पहले रूस और उसके बाद अमेरिका ने काफी तबाही मचाई। इसके बाद भी ये यहां से कुछ हासिल नहीं कर सके। आलम ये है कि रूस को यहां से मुंह छिपाकर भागना पड़ा था। रूस के जाने के बाद यहां पर तालिबान ने अपने पैर पसारने शुरू किए। इसकी वजह से भी यहां पर अशांति छाई रही। तालिबान ने यहां पर अपनी सरकार तक बनाई। इसको हटाने के नाम पर अमेरिका ने यहां पर अपनी पैठ बढ़ाई और अब वो भी अपनी वापसी के बहाने तलाश रहा है। कुल मिलाकर अफगानिस्‍तान में जो देश आया उसको खोने के अलावा और कुछ हासिल नहीं कर सका।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.