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अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट पर भड़के ट्रंप, कहा- याचिका खारिज करने का फैसला है उनका अपमान

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव का परिणाम पलटने वाली ट्रंप की याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया जिसपर गुस्‍साए राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने कहा कि कोर्ट का फैसला कानूनी तौर पर उनका अपमान और अमेरिका के लिए शर्मिदगी भरा है।

By Monika MinalEdited By: Published: Sat, 12 Dec 2020 04:17 PM (IST)Updated: Sat, 12 Dec 2020 04:17 PM (IST)
अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट पर भड़के ट्रंप, कहा- याचिका खारिज करने का फैसला है उनका अपमान
सुप्रीम कोर्ट पर भड़के ट्रंप, उनकी याचिकाओं को कर दिया खारिज

वाशिंगटन, एजेंसियां। अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति चुनाव के परिणामों को पलटने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया है। फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए गुस्साए ट्रंप ने ट्वीट करके कहा, 'सुप्रीम कोर्ट वास्तव में मुझे नीचा दिखाना चाहता है। ना तो उसमें किसी प्रकार की समझ है और ना ही साहस। यह फैसला कानूनी तौर पर मेरा अपमान है और अमेरिका के लिए शर्मिदगी से भरा है।' राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी और उनके समर्थकों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की गई। इनमें दलील दी गई थी कि कोर्ट उन कांटे के मुकाबले वाले प्रांतों के चुनाव परिणामों को पलट दे, जिसमें डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदार जो बाइडन ने जीत दर्ज की है। 

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सुप्रीम कोर्ट से ट्रंप को झटका

अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बाइडन को जीत मिली है। वे 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अपने संक्षिप्त और बिना हस्ताक्षर वाले आदेश में कहा, 'टेक्सास ने उस प्रकार से न्यायिक संज्ञेय दिलचस्पी नहीं दिखाई, जिस प्रकार से अन्य राज्य चुनाव आयोजित करते हैं। इसलिए सभी लंबित प्रस्ताव विवादित करार देते हुए खारिज किए जाते हैं।' सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय को ट्रंप के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है, जो बाइडन के निर्वाचन को चुनौती देते हुए परिणामों को पलटने की कोशिश कर रहे थे।

ये है फैसला-

सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश सैमुएल एलीटो और न्यायाधीश क्लैरंस थॉमस ने कहा कि उनका मानना है कि अदालत को मामले की सुनवाई करनी चाहिए लेकिन उन्होंने टेक्सास के दावे पर स्थिति स्पष्ट नहीं की। कम से कम 126 रिपब्लिकन सांसदों ने इस मुकदमे का समर्थन किया था। खुद डोनाल्ड ट्रंप ने भी इन याचिकाओं को लेकर खुशी जाहिर की थी और कहा था कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट में जीत की उम्मीद है। टेक्सास के अटॉर्नी जनरल की तरफ से दायर इस मुकदमे में आरोप लगाया गया था कि कांटे के मुकाबले वाले चार प्रांतों जॉर्जिया, मिशिगन, पेंसिलवेनिया और विस्कॉन्सिन ने ना केवल अपने ही प्रांतों के कानूनों का उल्लंघन किया है बल्कि अमेरिकी संविधान का भी पालन नहीं किया। इसलिए कोर्ट से अपील है कि इन चार प्रांतों के इलेक्टोरल कॉलेज को बाइडन के पक्ष में मतदान करने से रोके। 

नैंसी पेलोसी ने जताई खुशी

अदालत का आदेश आने पर प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी ने कहा कि अदालत ने लाखों अमेरिकी मतदाताओं की  इच्छा को पलटने के रिपब्लिकन पार्टी के गैरकानूनी और अलोकतांत्रिक मुकदमे को खारिज करने का सही कदम उठाया है। याचिका पर हस्ताक्षर करने वाले सांसदों ने प्रतिनिधि सभा का अपमान किया है। प्रतिनिधि सभा के ही एक प्रमुख नेता स्टेनी होयर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से यह स्पष्ट हो गया कि चुनावों में किसी प्रकार की धोखाधड़ी नहीं हुई थी और बाइडन ही अमेरिका के अगले राष्ट्रपति होंगे।

हम चुनौती देते रहेंगे: गुलियानी 

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी ट्रंप कैंपेन के तेवर ढीले पड़ते नहीं दिखाई दे रहे हैं। राष्ट्रपति ट्रंप के निजी वकील रूडी गुलियानी ने कहा कि राष्ट्रपति की कानूनी टीम चुनाव परिणामों को चुनौती देती रहेगी। उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा, 'फैसलों में ऐसा कुछ नहीं गया है जो हमें जिला अदालतों में याचिका दायर करने से रोकता हो। विश्वास करिये हम चुनौतियां देना जारी रखेंगे।'

ट्रंप ने लगाया था धोखाधड़ी का आरोप

ट्रंप और उनके प्रचार अभियान दल ने चुनाव में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी के आरोप लगाए थे और कई प्रांतों में बाइडन की जीत को अदालत में चुनौती दी थी। वहीं प्रांतीय चुनाव अधिकारियों और मुख्यधारा के मीडिया का कहना है कि उन्हें धोखाधड़ी के संबंध में कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं।


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