अमेरिका 'स्पेस फोर्स' से करेगा चीन और रूस का सामना, तैयारियां शुरू
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2020 तक यूएस स्पेस फोर्स बनाने का फैसला किया है। जानकारों का कहना है कि यह फोर्स अमेरिका की बाकी सेना से अलग होगी।
वाशिंगटन (एजेंसी)। अमेरिका जल, थल और नभ के बाद स्पेस में भी अपनी फोर्स तैनात करने की तैयारी कर रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2020 तक 'यूएस स्पेस फोर्स' बनाने का फैसला किया है। जानकारों का कहना है कि यह फोर्स अमेरिका की बाकी सेना से अलग होगी। यूएस स्पेस फोर्स अमेरिका की छठी सैन्य सेवा होगी।
अमेरिका के उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने पेंटागन में एक स्पीच में इस नई यूएस स्पेस फोर्स की घोषणा की। उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप ने स्पेस में भी अमेरिकी प्रभुत्व को सुनिश्चित करने का फैसला किया है। पेंस ने कहा कि स्पेस एक समय शांतिपूर्ण और निर्विरोध था लेकिन अब यहां भीड़ हो गई है। हालात पहले की तरह नहीं रह गए हैं। अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने कहा कि अब समय आ गया है कि अपने सैन्य इतिहास में एक और महान अध्याय लिखा जाए। पेंस ने आगे कहा कि अब नई युद्धभूमि के लिए तैयारी की जरूरत है ताकि वहां हमारे लोगों और देश को मिल रहे खतरों से निपटा जाए।
पेंस की स्पीच के बाद ट्रंप ने ट्वीट कर लिखा कि स्पेस फोर्स आ रही है। ट्रंप ने इस स्पेस फोर्स की प्रक्रिया को अपने 2020 के रीइलेक्शन कैंपेन से भी जोड़ दिया है। इसके तहत फंड इकट्ठा करने के लिए भेजे गए कैंपेन ईमेल में अपने समर्थकों से स्पेस फोर्स के लोगो के लिए वोट करने को कहा गया है। उन्हें छह में से एक विकल्प चुनने को कहा गया है। बता दें कि ट्रंप अपने पिछले चुनावी अभियान में भी स्पेस फोर्स का जिक्र करते रहे हैं।
गौरतलब है कि स्पेस फोर्स के जरिए अमेरिका अपने प्रतिद्वंद्वियों चीन और रूस की मंशा पर लगाम लगाने की कोशिश कर रहा है। लेकिन इस फैसले के सामने चुनौतियां भी हैं। इस फैसले को मूर्त देने के लिए ट्रंप प्रशासन को अमेरिकी कांग्रेस से अनुमति लेनी होगी। इसके साथ ही कुछ सैन्य अधिकारी स्पेस फोर्स के गठन की मंशा पर सवाल उठा रहे हैं और इसका विरोध कर रहे हैं।