UN में बोले डोनाल्ड ट्रंप- ईरान आतंकवाद में दुनिया का नंबर एक देश, लगेंगे और प्रतिबंध
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को राष्ट्रवाद और अमेरिकी संप्रभुता का बचाव करते हुए ईरान की आक्रामकता के खिलाफ ज्यादा से ज्यादा देशों का समर्थन जुटाने का प्रयास किया।
संयुक्त राष्ट्र, एपी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को राष्ट्रवाद और अमेरिकी संप्रभुता का बचाव करते हुए ईरान की आक्रामकता के खिलाफ ज्यादा से ज्यादा देशों का समर्थन जुटाने का प्रयास किया। विश्व नेताओं से अपने देशों की प्राथमिकताएं तय करने, सीमाएं मजबूत बनाने और द्विपक्षीय व्यापार समझौते करने का आग्रह करते हुए उन्होंने व्यापक अंतरराष्ट्रीय संगठनों और गठबंधनों को खारिज कर दिया।संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा कि भविष्य वैश्वीकरण का नहीं है। भविष्य देशभक्तों का है। भविष्य मजबूत और स्वतंत्र देशों का है। उन्होंने कहा कि वैश्वीकरण ने अतीत के नेताओं को अपने राष्ट्रहित की अनदेखी करने पर मजबूर किया। लेकिन वह दौर अब खत्म हो चुका है।
अमेरिकी हितों पर फोकस करते हुए ट्रंप ने कहा कि ईरान की वजह से देश की सुरक्षा खतरे में पड़ गई है। उन्होंने ईरान को चेतावनी दी कि वह मध्य-पूर्व में अमेरिका के सहयोगियों के खिलाफ आक्रामण बंद करे। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि जब तक ईरान का खतरनाक व्यवहार जारी रहेगा, प्रतिबंध नहीं हटाए जाएंगे। उन्हें और कड़ा किया जाएगा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा, 'अमेरिका किसी अन्य देश के साथ संघर्ष नहीं चाहता। हम सभी के साथ शांति, सहयोग और आपसी फायदा चाहते हैं। लेकिन मैं कभी भी अमेरिकी हितों की रक्षा करना नहीं छोड़ूंगा।' अनुमान लगाया जा रहा है कि ट्रंप न्यूयॉर्क में ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी से मुलाकात कर सकते हैं,
उनके इस बयान ने इस संभावना को और हवा दे दी है कि अमेरिका स्थायी दुश्मनों में कभी विश्वास नहीं करता। ट्रंप ने अपने भाषण में सऊदी अरब की ऑयल फैसिलिटीज पर हाल में हुए हमलों के लिए ईरान पर दोषारोपण नहीं किया। जबकि पिछले दिनों अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने इसे 'युद्ध की कार्रवाई' करार दिया था। लिहाजा ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी ने सोमवार को इन हमलों के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया।
अनियंत्रित प्रवासियों के कारण देशों की सुरक्षा खतरे में
अपनी कड़ी आव्रजन नीतियों का बचाव करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि अनियंत्रित प्रवासियों और सीमाके ढीले-ढाले नियंत्रण की वजह से सभी देशों की संप्रभुता और सुरक्षा खतरे में पड़ जाती है। उन्होंने कट्टरपंथियों की 'कॉटेज इंडस्ट्री' के बढ़ते खतरे के प्रति अन्य विश्व नेताओं को चेताते हुए कहा कि वही खुली सीमाओं की वकालत करते हैं। ट्रंप ने कहा कि जो ऐसा करते हैं वे सामाजिक न्याय के नाम पर मानवाधिकारों को खतरे में डालते हैं।
हांगकांग को लेकर चीन पर निशाना
हांगकांग मसले से निपटने के तौरतरीकों को लेकर चीन पर निशाना साधते हुए ट्रंप ने कहा कि अमेरिका वहां लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनों पर करीब से नजर रख रहा है। उन्होंने कहा, 'दुनिया को पूरी उम्मीद है कि चीन सरकार बाध्यकारी समझौते का सम्मान करेगी.. हांगकांग की स्वतंत्रता, विधिक प्रणाली और जीवन के लोकतांत्रिक तरीकों की रक्षा करेगी।' उन्होंने कहा कि इस स्थिति से निपटने के चीन के तरीके से ही भविष्य में दुनिया में उसकी भूमिका तय होगी। चीन के साथ जारी ट्रेड वार पर ट्रंप ने कहा कि वर्षो से इन (कारोबारी) दुरुपयोग को सहन किया गया, अनदेखी की गई और यहां तक कि बढ़ावा दिया गया, लेकिन अब यह सब नहीं होगा।
किम जोंग उन से जल्द करेंगे मुलाकात
अमेरिकी राष्ट्रपति ने उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन के साथ अपनी कूटनीतिक कोशिशों की सराहना की, भले ही वह अपने परमाणु हथियारों पर पकड़ बनाए हुए हैं। ट्रंप ने कहा कि किम जोंग उन के साथ उनकी एक और बैठक जल्द हो सकती है।
वेनेजुएला पर करीब से नजर
ट्रंप ने अपने संबोधन में वेनेजुएला के साथ जारी तनातनी का जिक्र करते हुए वहां के दमनकारी शासन को खारिज कर दिया और कहा अमेरिका कभी भी समाजवादी देश नहीं बनेगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका वेनेजुएला की स्थिति पर बहुत करीब से नजर रख रहा है। वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो को उन्होंने क्यूबा की कठपुतली करार दिया।
ब्रिटेन से व्यापार समझौते के इच्छुक
ब्रेक्जिट के मसले पर ट्रंप ने कहा कि वह यूरोपीय यूनियन छोड़ने की तैयारी कर रहे ब्रिटेन के साथ एक शानदार व्यापार समझौता करना चाहते हैं। वह इस दिशा में ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।