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COVID-19 : बीजिंग को सख्‍त चेतावनी के बाद विशेषज्ञों की एक टीम जांच के लिए चीन भेजना चाहते हैं ट्रंप

कोरोना प्रसार के लिए बीजिंग को सख्‍त चेतावनी के एक दिन बाद अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने कहा है कि वह विशेषज्ञों की एक टीम जांच के लिए चीन भेजना चाहते हैं।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Mon, 20 Apr 2020 04:10 PM (IST)Updated: Mon, 20 Apr 2020 04:10 PM (IST)
COVID-19 : बीजिंग को सख्‍त चेतावनी के बाद विशेषज्ञों की एक टीम जांच के लिए चीन भेजना चाहते हैं ट्रंप
COVID-19 : बीजिंग को सख्‍त चेतावनी के बाद विशेषज्ञों की एक टीम जांच के लिए चीन भेजना चाहते हैं ट्रंप

वाशिंगटन, एजेंसी। कोरोना प्रसार के लिए बीजिंग को सख्‍त चेतावनी के एक दिन बाद अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने कहा है कि वह विशेषज्ञों की एक टीम जांच के लिए चीन भेजना चाहते हैं। ट्रंप ने एक संवाददाता सम्‍मेलन में इस राज से पर्दा उठाया कि पिछले साल दिसंबर में मध्य चीनी शहर वुहान में महामारी के बाद बीजिंग से उनकी वार्ता हुई थी। उन्‍होंने कहा कि उस वक्‍त हमने चीन से उस स्‍थान पर जाने की इच्‍छा व्‍यक्‍त की थी। लेकिन चीन ने हमें आने का कोई आमंत्रण नहीं दिया। 

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ट्रंप ने चीन को खबरदार किया था, कोप का शिकार होना पड़ेगा

रविवार को अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने चीन को खबरदार किया था। ट्रंप ने कहा है कि अगर कोरोना प्रसार के लिए चीन दोषी पाया गया तो उसको अमेरिकी कोप का शिकार होना पड़ेगा। उन्‍होंने कहा कि बीजिंग को इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। कोरोना वायरस का वैश्विक प्रसार के लिए अमेरिका ने साफ तौर पर चीन को दोषी ठहराया है। ट्रंप ने कहा कि कोरोना वायरस चीन के गैर-पारदर्शिता और असहयोग रवैये के कारण ही इसका तेजी से प्रसार हुआ। उन्‍होंने चीन के इस रुख पर निराशा व्‍यक्‍त की है। ट्रंप ने चीन की भूमिका के जांच के आदेश दिया है। ट्रंप ने जोरदेकर कहा कि अगर वह जानबूझकर इसके लिए जिम्‍मेदार हैं तो उनको इसके परिणाम भुगतने होंगे। ट्रंप ने कहा कि चीन के साथ उनका संबंध उस समय तक बहुत बेहतर था, जब तक कि घातक COVID-19 दुनिया में प्रसारित नहीं था। उन्‍होंने कहा कि गलती और जानबूझकर किए गए काम में बड़ा अंतर है। इसे समझना होगा। 

चीन ने दुनिया को अंधेरा में रखा

बता दें क‍ि ट्रंप ने चीन पर यह आरोप लगाया है कि उसने इस वायरस को लेकर दुनिया को अंधेरा में रखा। इसके चलते कोरोना पर दुनिया बहुत देर से सजग हो सकी। अगर वक्‍त रहते कोरोना के बारे में जानकारी हो गई होती तो इतना नुकसान नहीं होता। इसके लिए वह विश्व स्वास्थ्य संगठन को भी दोषी मानते हें। उन्‍होंने कहा कि अगर इस वायरस की जानकारी सही समय पर दी होती तो शायद अमेरिका समेत विश्वभर में ऐसी तबाही न देखने को मिलती। विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से 11 मार्च को महामारी घोषित किया गया, तब तक वायरस का विस्तार हो चुका था। ट्रंप ने देर से आगाह करने का आरोप लगाते हुए 15 अप्रैल को उनकी फंडिंग रोक दी। 

विश्व स्वास्थ्य संगठन को अमेरिका से मिलने वाले फंड पर रोक

गौरतलब है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को अमेरिका से मिलने वाले फंड पर रोक लगा दिया है। ट्रंप ने मंगलवार को कहा कि अपने प्रशासन को विश्व स्वास्थ्य संगठन की फंडिंग को रोकने का निर्देश दिए हैं। साथ उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना वायरस के चीन में उभरने के बाद इसके प्रसार को छिपाने और गंभीर कुप्रबंधन में संगठन की भूमिका की समीक्षा की जा रही है। उन्‍होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था कि 'मैं अपने प्रशासन को विश्व स्वास्थ्य संगठन की फंडिंग को रोकने का निर्देश दे रहा हूं। हम वैश्विक स्वास्थ्य को लेकर सीधे दूसरों के साथ काम करेंगे। हम जो भी सहायता भेजते हैं, उस पर कठोरता से चर्चा होगी। 


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