पूर्व सैन्य प्रमुख पावेल ने की ट्रंप की कड़ी निंदा, कहा- बिडेन को देंगे अपना वोट
अमेरिका में जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद जारी प्रदर्शनों को लेकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आलोचना हो रही है।
वाशिंगटन, आइएएनएस। देशभर में हो रहे नस्ल विरोधी प्रदर्शन (anti-racism protests) पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा की जा रही कार्रवाई को लेकर अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री कॉलिन पावेल (Colin Powell)ने ट्रंप की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा, 'ट्रंप संविधान से दूर जा रहे हैं।' बीबीसी के अनुसार, ट्रंप की कार्रवाईयों पर रिपब्लिकन, पूर्व सैन्य अधिकारी ने नंदा की है साथ ही उन्होंने धमकी दी है कि नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति के चुनाव में वे डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बिडेन (Joe Biden) के पक्ष में अपना वोट देंगे।
पावेल ने ट्रंप द्वारा विरोध प्रदर्शनों को शांत करने के लिए सेना का प्रयोग करने वाले बयान की भी निंदा की। राष्ट्रपति ट्रंप पावेल को 'ओवररेटेड' बताया। अमरीकी सेना के सर्वोच्च पद पर रहने वाले पावेल एकमात्र अफ़्रीकी-अमेरिकी नागरिक हैं। हाल में ही राष्ट्रपति ट्रंप पर कई पूर्व सैन्य अधिकारियों ने तीखे हमले किए हैं जो देश भर में जारी नस्लविरोधी प्रदर्शनों के बाद किए गए। अमेरिकी शहर मिनियापोलिस में 25 मई को पुलिस हिरासत में एक अफ्रीकी-अमेरिकी नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद देश भर में विरोध प्रदर्शनों का दौर जारी है।
अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री कोलिन पॉवेल राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आलोचना करते हुए कहा कि वे हर समय झूठ बोलते हैं। पॉवेल 2001 से 2005 तक राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश के कार्यकाल में विदेश मंत्री रहे हैं। सीएनएन को दिए साक्षात्कार में पॉवेल ने कहा, 'सामाजिक और राजनीतिक मामलों में मैं बिडेन के काफी करीब हूं। मैंने उनके साथ 40 सालों तक काम किया है। इस बार वह राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हैं, इसलिए मैं उन्हें वोट दूंगा।'
ट्रंप की आलोचना करते हुए पॉवेल ने कहा, 'राष्ट्रपति एक 'प्रभावी नेता' नहीं हैं। वह हमेशा झूठ बोलते हैं। हमारा एक संविधान है और हमें उस संविधान का पालन करना होता है, लेकिन राष्ट्रपति उससे दूर हो चुके हैं।'
अमेरिकियों को बांटने की कोशिश करते हैं ट्रंप
पॉवेल ने कहा कि ट्रंप पहले ऐसे राष्ट्रपति हैं जो देश को एकजुट करने का प्रयास नहीं करते हैं, बल्कि अमेरिकियों को विभाजित करने की कोशिश करते हैं। रिपब्लिकन पार्टी और राष्ट्रपति सोचते हैं कि उनका कोई कुछ भी नहीं बिगाड़ पाएगा। वह जो चाहें कह सकते हैं। पॉवेल ने कहा कि सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि राष्ट्रपति जो कुछ कर रहे हैं उस पर संसद मौन है।