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अखबार ने किया दावा- केवल 2016 में हुआ था इनकम टैक्स का भुगतान , ट्रंप ने कहा 'फेक न्यूज'

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा वर्ष 2016 में इनकम टैक्स के तौर पर मात्र 750 डॉलर का भुगतान किया गया था। यह दावा अमेरिकी अखबार द न्यूयॉर्क टाइम्स ने किया है और अपनी खबर में ट्रंप के 20 वर्षों का टैक्स रिटर्न संबंधित रिकॉर्ड का जिक्र किया है।

By Monika MinalEdited By: Published: Mon, 28 Sep 2020 10:00 AM (IST)Updated: Mon, 28 Sep 2020 10:00 AM (IST)
अखबार ने  किया दावा- केवल 2016 में हुआ था इनकम टैक्स का भुगतान , ट्रंप ने कहा  'फेक न्यूज'
...उठा ट्रंप के इनकम टैक्स का मामला

वाशिंगटन, आइएएनएस। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव की तैयारियां जोरों पर है। इस क्रम में एक बार फिर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के इनकम टैक्स का मुद्दा उठाया गया है। इससे पहले 2016 में जब उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल की थी उस वक्त भी इस मामले पर बवाल हुआ था और यह बात सामने आई थी कि उन्होंने 2016 से पहले 10 सालों तक इनकम टैक्स का भुगतान नहीं किया था और केवल 2016 में ही 750 डॉलर टैक्स के तौर पर दिया था। पिछले 20 सालों में ट्रंप के इनकम टैक्स का रिकॉर्ड लेकर न्यूयार्क टाइम्स अखबार  में रविवार को  यह खुलासा किया गया।

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महज 750 डॉलर का आयकर भुगतान 

यह जानकारी हैरान करने वाली है कि व्हाइट हाउस के अपने पहले साल में ट्रंप ने महज 750 डॉलर का आयकर भुगतान किया था। ट्रंप ने पिछले 15 सालों में से 10 साल कोई संघीय आयकर जमा नहीं कराया। इस अवधि में उन्होंने अपनी कमाई की तुलना में नुकसान अधिक दिखाया। ऐसा लगता है कि अमेरिका में कम टैक्स देने के लिए वित्तीय जानकारी देने में हेरा-फेरी की गई है।राष्ट्रपति का कार्यभार संभालने के पहले दो वर्षो में ट्रंप को विदेशी व्यवसायों से 73 मिलियन डॉलर (लगभग 538 करोड़ रुपये) की कमाई हुई। इसका बड़ा हिस्सा स्कॉटलैंड और आयरलैंड में उनकी संपत्तियों, फिलीपींस से तीन मिलियन डॉलर (करीब 22 करोड़ रुपये), भारत से 2.3 मिलियन डॉलर (लगभग 17 करोड़ रुपये) और तुर्की से एक मिलियन डॉलर (करीब 7 करोड़ रुपये) आया था।

ट्रंप ने कहा, 'फेक न्यूज'

व्हाइट हाउस में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान राष्ट्रपति ट्रंप ने इसे फेक न्यूज (गलत खबर) बताते हुए खारिज किया। उन्होंने कहा, 'मैं टैक्स देता हूं। मेरे टैक्स रिटर्न में इसका विस्तृत ब्योरा है। मैंने टैक्स के रूप में काफी पैसा दिया है। जल्द ही आप सभी मेरा टैक्स रिटर्न देखेंगे। अभी इसकी ऑडिट हो रही है।' अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 20 साल से अधिक के आयकर भुगतान के विश्लेषण से पता चलता है कि उन्होंने 2016-17 में सिर्फ 750 डॉलर (लगभग 55,290 रुपये) का आयकर भुगतान किया था। ट्र्ंप और उनकी कंपनियों ने इस साल इससे कहीं अधिक 1,45,400 डॉलर (लगभग एक करोड़ सात लाख रुपये) का टैक्स भारत में भरा था। इसी साल ट्रंप की कंपनियों ने पनामा में 15,598 डॉलर (करीब 11,50,000 रुपये) और फिलीपींस में 156,824 डॉलर (करीब एक करोड़ 15 लाख रुपये) टैक्स के तौर पर जमा कराए थे। ये वही ट्रंप हैं, जिन्होंने 2016 के राष्ट्रपति चुनाव के दौैरान खुद को अरबपति रियल एस्टेट कारोबारी और सफल व्यवसायी के तौर पर पेश किया था और कांटे की लड़ाई में राष्ट्रपति चुने गए थे।

अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए निजी वित्तीय लेखा-जोखा देना अनिवार्य नहीं है। हालांकि, रिचर्ड निक्सन से लेकर अब तक के राष्ट्रपति अपना वित्तीय ब्योरा जारी करते रहे हैं। ट्रंप ने अपना आयकर ब्योरा देने से इन्कार करते हुए इस परंपरा को तोड़ दिया है। इसके लिए उन्हें लंबी कानूनी लड़ाई भी लड़नी पड़ी। अखबार का कहना है कि इसने राष्ट्रपति से जुड़े टैक्स रिटर्न और ट्रंप आर्गेनाइजेशन की कंपनियों की समीक्षा की। न्यूयार्क टाइम्स को ट्रंप आर्गेनाइजेशन के वकील एलन गार्टन (Alan Garten) ने कहा कि अधिकतर तथ्य गलत हैं। उन्होंने बताया, ' पिछले एक दशक में राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा लाखों रुपये इनकम टैक्स के तौर पर भुगतान किया जा चुका है।' अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैक्स रिटर्न का मुद्दा साल 2016 के चुनाव में अहम मुद्दा रहा। उनके कार्यकाल के दौरान भी यह मुद्दा चलता रहा और अब जब ट्रंप दूसरी बार राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ रहे हैं इस समय में यह मुद्दा फिर उठा है।


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