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ट्रंप ने फोन कर PM मोदी से की बात, मालदीव संकट सहित कई मुद्दों पर हुई चर्चा

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा समेत मालदीव की राजनीतिक संकट पर चर्चा के लिए पीएम मोदी से अमेरिकी राष्‍ट्रपति ट्रंप ने फोन पर बातचीत की।

By Monika MinalEdited By: Published: Fri, 09 Feb 2018 09:54 AM (IST)Updated: Fri, 09 Feb 2018 10:52 AM (IST)
ट्रंप ने फोन कर PM मोदी से की बात, मालदीव संकट सहित कई मुद्दों पर हुई चर्चा

नई दिल्‍ली (जेएनएन)। अमेरिका के राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की। इस बातचीत में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा और शांति, मालदीव में राजनीतिक संकट, रोहिंग्‍या शरणार्थियों की वापसी से लेकर उत्‍तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रमों व भारत अमेरिका के बीच होने वाले '2+2' मंत्री स्‍तरीय वार्ता के मुद्दे पर चर्चा की गयी।

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मालदीव्‍स में जारी राजनीतिक संकट को लेकर यह वार्ता हुई जहां राष्‍ट्रपति अब्‍दुल्‍ला यमीन ने देश के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को मानने से इंकार कर दिया है। फोन पर बातचीत के दौरान अफगानिस्‍तान के समर्थन पर भी चर्चा की गयी। इसके अलावा बर्मा और रोहिंग्‍या शरणार्थियों पर भी बात हुई।

बांग्‍लादेश में इस वक्‍त 680,000 रोहिंग्‍या शरणार्थी रह रहे हैं, जो वहां की अर्थव्‍यवस्‍था पर बड़ा बोझ डाल रहे हैं। उनकी वापसी को लेकर हाल ही में म्‍यांमार और बांग्‍लादेश के बीच एक सहमति बनी है। लेकिन अमेरिका का मानना है कि यह रोहिंग्‍या शरणार्थियों के म्‍यांमार लौटने का उचित समय नहीं है।

फोन पर हुई इस बातचीत में मोदी और ट्रंप ने उत्‍तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रमों पर रोक लगाने के मुद्दे पर भी चर्चा की। व्‍हाइट हाउस के अनुसार, दोनों नेताओं ने भारत-अमेरिका के बीच '2+2' मंत्री स्‍तरीय वार्ता से पहले सुरक्षा मजबूत करने और आर्थिक सहयोग बढ़ाने पर भी जोर दिया।

पिछले साल ट्रंप से पहली बार मिले थे मोदी

जून, 2017 में पीएम नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के बाद से भारत और अमेरिका के आपसी रिश्तो में जो बदलाव दिख रहे हैं। यह अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी की पहली मुलाकात थी। हालांकि इससे पहले फोन पर कई बार इनकी बातचीत हुई थी। पीएम मोदी व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अगुवाई में दोनो देशों के आला अधिकारियों के साथ द्विपक्षीय बैठक हुई। बैठक में आपसी हितों, सुरक्षा और रक्षा सौदों पर तो बात हुई ही लेकिन सबसे अहम यह रहा कि दोनो पक्षों ने खुलेआम यह ऐलान किया कि उनके रिश्ते सिर्फ द्विपक्षीय हितों तक सीमित नहीं रहेंगे बल्कि इसका आयाम पूरे एशिया और संभवत: एशिया के बाहर तक फैला होगा। 


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