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खशोगी मामले में ट्रंप किसी को बख्शने के मूड में नहीं, सिर काटकर हत्या करने की आशंका

अमेरिका निवासी खशोगी दो अक्टूबर को तुर्की के इस्तांबुल शहर में स्थित सऊदी अरब के वाणिज्य दूतावास गए थे।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Thu, 18 Oct 2018 07:59 PM (IST)Updated: Thu, 18 Oct 2018 07:59 PM (IST)
खशोगी मामले में ट्रंप किसी को बख्शने के मूड में नहीं, सिर काटकर हत्या करने की आशंका
खशोगी मामले में ट्रंप किसी को बख्शने के मूड में नहीं, सिर काटकर हत्या करने की आशंका

वाशिंगटन, रायटर/एएफपी। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सऊदी के लापता पत्रकार जमाल खशोगी मामले में किसी को बख्शने के मूड में नहीं हैं। उन्होंने बुधवार को कहा कि वह खशोगी मामले में सहयोगी सऊदी अरब को छोड़ना नहीं चाहते हैं। उन्हें विदेश मंत्री माइक पोंपियो की रिपोर्ट का इंतजार है जबकि तुर्की के सूत्रों ने यह दावा किया कि उन्होंने इस मामले से जुड़ी ऑडियो रिकार्डिग के बारे में जानकारी मांगी है। अमेरिका निवासी खशोगी दो अक्टूबर को तुर्की के इस्तांबुल शहर में स्थित सऊदी अरब के वाणिज्य दूतावास गए थे। वह तभी से लापता हैं। तुर्की के अधिकारियों को संदेह है कि दूतावास में ही उनकी हत्या कर दी गई। सऊदी ने हालांकि इन दावों को बेबुनियाद करार दिया है।

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फॉक्स बिजनेस नेटवर्क को दिए इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा कि वह खशोगी मामले में पोंपियो की रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकार के लापता होने के मामले को लेकर पोंपियो को सऊदी और तुर्की के दौरे पर भेजा है। ट्रंप ने कहा कि अमेरिका ने तुर्की से कहा है कि अगर उनके पास कोई ऑडियो या वीडियो साक्ष्य है तो उसे मुहैया कराया जाए। उन्होंने कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि खशोगी मामले में सऊदी नेताओं का हाथ नहीं होगा।

सिर काटकर हत्या का दावा
तुर्की के सूत्रों ने कहा कि अधिकारियों को ऑडियो रिकार्डिग मिली है जिससे यह संकेत मिलता है कि खशोगी की दूतावास में ही हत्या कर दी गई। तुर्की सरकार समर्थक येनी सफक अखबार ने बुधवार को इस ऑडियो रिकार्डिग का विवरण प्रकाशित किया। अखबार का दावा है कि पूछताछ के दौरान यातना देने के लिए उनकी अंगुलियां काट दी गई थीं। इसके बाद सिर कलम कर उनकी हत्या कर दी गई और शरीर को टुकड़ों में कर दिया गया। तुर्की के सबाह अखबार ने कुछ तस्वीरों को छाप कर दावा किया कि इनमें दिखाई दे रहा एक व्यक्ति पूर्व में प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान के साथ अमेरिका दौरे पर गया था। वह खशोगी के लापता होने से पहले सऊदी दूतावास में गया था।

कौन हैं जमाल खशोगी
59 वर्षीय जमाल खशोगी सऊदी सरकार और प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान के मुखर आलोचक रहे हैं। वह अमेरिकी अखबार 'वाशिंगटन पोस्ट' के स्तंभकार हैं। वह अपनी तुर्क मंगेतर हैटिस केंगिज से शादी के लिए कुछ दस्तावेज लेने सऊदी दूतावास गए थे।

सऊदी दूतावास की दोबारा छानबीन
तुर्की के जांचकर्ताओं ने इस्तांबुल में स्थित सऊदी के वाणिज्य दूतावास की दोबारा छानबीन की। वे बुधवार रात दूतावास पहुंचे और गुरुवार सुबह तक छानबीन की। इस दौरान उन्होंने पूरी इमारत और वाहनों को खंगाला। इसके पहले उन्होंने नौ घंटे तक दूतावास की जांच की थी।

अमेरिकी अखबार ने छापा अंतिम कॉलम
अमेरिकी अखबार वाशिंगटन पोस्ट ने लापता पत्रकार खशोगी का अंतिम कॉलम प्रकाशित किया। इसमें उन्होंने अरब जगत में प्रेस की आजादी की अहमियत के बारे में लिखा। उन्होंने कहा कि अरब जगत को इस संदर्भ में बदलाव करने की जरूरत है।

सऊदी सम्मेलन में शिरकत नहीं करेंगे फ्रांस और नीदरलैंड के मंत्री
फ्रांस के आर्थिक मामलों के मंत्री ब्रूना ली मैरे ने गुरुवार को कहा कि वह खशोगी मामले को लेकर सऊदी अरब में अगले हफ्ते होने वाले निवेश सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेंगे। इसके पहले फ्रांस के राष्ट्रपति इमेनुएल मैक्रों ने खशोगी की गुमशुदगी को गंभीर मामला करार दिया था। नीदरलैंड के वित्त मंत्री वोप्के होक्स्तरा ने भी सम्मेलन में नहीं जाने का एलान किया है।


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