प्रवासी भारतीयों के लिए बढ़ी मुश्किलें, H-4 वीजा नियमों में बदलाव पर ट्रंप प्रशासन अडिग
एच-1 बी के जीवन साथियों को नौकरी दिलाने वाले एच-4 वीजा को रद करने का प्रस्ताव आगे बढ़ा दिया गया है।
वाशिंगटन (प्रेट्र)। एच-1बी वीजा धारक की पत्नी को अमेरिका में नौकरी दिलाने वाले एच-4 वीजा नियमों में बदलाव पर ट्रंप प्रशासन अडिग दिख रहा है। डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी ने अपनी अधिसूचना में जिक्र किया है कि इस कानून को रद करने पर तेजी से काम किया रहा है।
सोमवार को प्रकाशित हुए सरकारी आदेश में कहा गया है कि एनपीआरएम (नोटिस ऑफ प्रपोज्ड रूलमेकिंग) जून में प्रकाशित किया जाएगा। अधिसूचना में कहा गया है कि एच-1 बी के जीवन साथियों को नौकरी दिलाने वाले एच-4 वीजा को रद करने का प्रस्ताव आगे बढ़ा दिया गया है। उधर, यूएस सिटीजनशिप इमीग्रेशन सर्विसेज (यूएससीआइएस) ने कहा कि अभी अंतिम फैसला नहीं हुआ है। एनपीआरएम जब भी आम जन का पक्ष जानने के लिए प्रकाशित होगा, तब वह इस बारे में अलर्ट जारी करेंगे। इसके बाद ही अंतिम निर्णय किया जाएगा।
यूएनसीआइएस के के प्रवक्ता मिखेल बार्स का कहना है कि अमेरिका की प्रेसीडेंट बाय अमेरिकन, हायर अमेरिकन एक्जीक्यूटिव आर्डर को पूरी तरह से खंगाला जा रहा है। रोजगार पर आधारित वीजा स्कीम पर भी अध्ययन किया जा रहा है, लेकिन अभी कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है।
भारत को लगेगा झटका
एच-4 वीजा नियम के रद होने से सबसे बड़ा झटका भारत को लगेगा, क्योंकि इंडो-अमेरिकन मूल के लोगों के लिए अमेरिका की नागरिकता हासिल करने का यह मुफीद रास्ता है। गुरुवार को काफी सारे लोग सांसद पॉल टोंको से मिले। उनकी गुजारिश थी कि एच-4 वीजा नियम को रद न किया जाए और जो लोग ग्रीन कार्ड के लिए इंतजार में हैं, उन्हें न्याय मिले।
सामाजिक कार्यकर्ता रेणुका राजकुमार ने कहा कि इस नियम के रद होने से भारत के लोगों को नुकसान होगा। उन्होंने दस साल पहले का वाकया बताते हुए कहा कि अपने लिए सही नौकरी की तलाश में कैसे उन्हें साल भर लग गया था।