चीनी एयरलाइनों की उड़ानों पर 16 जून से रोक लगाएगा अमेरिका, 33 कंपनियों पर कल से पाबंदी
ट्रंप प्रशासन ने कहा है कि वह 16 जून से अमेरिका आने जाने वाली चीन की चार एयरलाइनों को निलंबित कर देगा। जानें चीन की वो कौन सी एयरलाइनें हैं जिनपर लगी है रोक...
वाशिंगटन, एपी। कोरोना महामारी के मसले पर चीन और अमेरिका के बीच जारी तनाव का असर अब दोनों देशों के बीच होने वाले व्यापार और ट्रैवल पर भी नजर आने लगा है। ट्रंप प्रशासन ने बुधवार को एक बड़ा कदम उठाते हुए चाइनीज एयरलाइनों को अमेरिका आने पर रोक लगा दी। अमेरिका के परिवहन विभाग ने कहा कि वह 16 जून से अमेरिका आने जाने वाली चीन की चार एयरलाइनों को निलंबित कर देगा। इस फैसले से 16 जून के बाद चीन का कोई यात्री विमान न तो अमेरिका आएगा और न ही वहां से उड़ान भरेगा।
और बढ़ेगा तनाव
अमेरिका के इस फैसले से चीन के साथ जारी तनाव में और बढ़ोतरी की आशंका है। अमेरिका ने अपने इस फैसले के लिए भी चीन को जिम्मेदार ठहराया है। समाचार एजेंसी एपी की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका ने यह कदम यूनाइटेड एयरलाइंस और डेल्टा एयरलाइंस की फ्लाइटों की चीन द्वारा बहाली नहीं किए जाने की एवज में उठाया है। चीन ने इन एयरलाइनों पर इस साल की शुरुआत में तब रोक लगा दी थी जबकि वुहान में महामारी कहर बरपा रही थी। चीन इस हफ्ते अमेरिका की इन एयरलाइनों को उड़ान की इजाजत नहीं दे सका था।
चीन की इन एयरलाइनों पर फैसला
अमेरिका ने एयर चाइना, चाइना ईस्टर्न एयरलाइंस कॉर्प, चाइना साउदर्न एयलाइंस कंपनी और हैनन एयरलाइंस होल्डिंग कंपनी के परिवहन पर रोक लगाई है। इसके साथ ही सिचुआन एयरलाइंस कंपनी और शियामेन एयलाइंस कंपनी पर भी रोक लगेगी। हालांकि इस फैसले पर अमेरिका स्थित चीनी दूतावास ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
चीन कर रहा समझौते का उल्लंघन
अमेरिकी परिवहन विभाग का कहना है कि चीन फ्लाइटों को लेकर हुए समझौते का उल्लंघन कर रहा है। विभाग चीन के अपने समकक्षों के साथ बातचीत रखेगा ताकि द्विपक्षीय रिश्तों को कायम रखा जा सके। विभाग ने यह भी कहा है कि इस दौरान चीन उन विमानों को ऑपरेट करने की इजाजत दी जाएगी जितने के लिए चीन सरकार मंजूरी देगी। हालांकि राष्ट्रपति ट्रंप 16 जून से पहले भी उक्त निर्देश को लागू कर सकते हैं। मालूम हो कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप कोरोना वायरस को लेकर चीन को पहले ही कटघरे में खड़ा कर चुके हैं।
ट्रंप लागू करेंगे आदेश
समझौते के मुताबिक दोनों को एक-दूसरे देश के विमानों को अपने यहां उड़ान भरने की अनुमति देने का प्रावधान है। मंत्रालय का कहना है कि अगर 16 जून से पहले चीन अनुमति नहीं देता है तो राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप उस दिन से इस फैसले को प्रभावी कर देंगे। मंत्रालय के मुताबिक कोरोना महामारी से पहले तक दोनों देशों की बीच हर हफ्ते 325 यात्री विमान उड़ान भरते थे।
चीन उठा रहा था फायदा
महामारी के बाद अमेरिकी विमानन कंपनियों ने अपने सेवाएं बंद कर दी, जबकि चीनी विमान उड़ान भरते रहे। फरवरी मध्य तक हर हफ्ते चीनी एयरलाइंस ने 20 उड़ानें भरी, जिसे मार्च मध्य तक बढ़ाकर 34 उड़ानें कर दी। डेल्टा एयरलाइंस ने बुधवार को जारी बयान में ट्रंप प्रशासन के फैसले का स्वागत किया है। एयरलाइंस का कहना है कि उसके अधिकार को लागू करने और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए यह जरूरी है। यूनाइटेड एयरलाइंस ने सरकार के इस फैसले पर फिलहाल कोई बयान नहीं दिया है।
चीन की 33 कंपनियों और संस्थानों पर कल से पाबंदी
अमेरिका के वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि चीन की 33 कंपनियों और संस्थानों पर शुक्रवार से पाबंदी लागू हो जाएगी। अमेरिका ने पिछले महीने इन कंपनियों और संस्थानों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी। अमेरिका ने इन कंपनियों पर शिंजियांग में उइगर मुस्लिमों पर अत्याचार और नरसंहार वाले हथियारों को जमा करने में चीन की मदद करने का आरोप लगाया है।
चीन को कटघरे में खड़ा कर चुके हैं ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने आरोप लगाया था कि संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी यानी विश्व स्वास्थ्य संगठन की चीन के साथ मिलीभगत है और महामारी की से जुड़े तथ्यों को छिपा रही है। चीन के वुहान से निकला जानलेवा कोरोना दुनियाभर के देशों में लगातार कहर मचा रहा है। अमेरिका, रूस, ब्रिटेन और भारत समेत तमाम देश इससे बुरी तरह प्रभावित हैं। दुनिया भर में इस वायरस ने अबतक 63.80 लाख से ज्यादा लोगों की जान ले ली है जबकि 63 लाख से अधिक केस सामने आए हैं। ब्राजील में कोरोना संक्रमण के मामले बहुत तेजी से बढ़े हैं। सबसे ज्यादा प्रभावित अमेरिका में संक्रमितों का आंकड़ा 18 लाख के पार पहुंच गया है।