अमेरिका में विदेशी छात्रों का वीजा नहीं होगा रद, ट्रंप प्रशासन ने वापस लिया फैसला
ट्रंप प्रशासन ने विदेशी छात्रों का वीजा रद करने वाला अपना फैसला वापस लेने पर सहमति जताई है।
न्यूयार्क,आइएएनएस। अमेरिका के यूनिवर्सिटीज में पढ़ने की ख्वाहिश रखने वाले विदेशी छात्रों के लिए राहत की खबर है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विदेशी छात्रों के वीजा रद करने वाले अपने फैसले को वापस ले लिया है। दरअसल, कुछ दिनों पहले कोविड-19 (COVID-19) महामारी के मद्देनजर अमेरिका में ऑनलाइन क्लासेज का विकल्प होने पर विदेशी छात्रों का वीजा रद और वापस लेने को कहा गया था। इसके बाद यहां पढ़ने वाले भारत समेत तमाम अन्य देशों के छात्र परेशान हो गए थे।
नया नियम नहीं होगा लागू
फेडरल जज एलिसन बरॉ (Federal Judge Allison Burroughs) ने मंगलवार को बताया कि सरकार ने अपना फैसला वापस लेने के लिए सहमति जताई है। इस बाबत किसी तरह का नया नियम लागू नहीं किया जाएगा। हार्वर्ड व एमआईटी की ओर से तर्क दिया गया कि इस फैसले से आर्थिक नुकसान हो सकता है। कुछ मिनटों के लिए टेलीकांफ्रेंस के जरिए दो संस्थानों द्वारा दायर याचिका पर इमरजेंसी सुनवाई के दौरान जजों ने सरकार द्वारा फैसला वापस लेने का ऐलान किया। यह मामला बोस्टन के फेडरल कोर्ट में मैसाच्यूसेट्स इंस्टीट्यूट (MIT) व हार्वर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा 8 जुलाई को दाखिल किया गया था।
विदेशी छात्रों का वीजा रद करने का था फैसला
पुराने फैसले के अनुसार, यहां F-1 या M-1 वीजा पर रहने वाले छात्र-छात्राओं को अमेरिका छोड़ने का आदेश दे दिया गया था। उल्लेखनीय है कि US इमिग्रेशन ऐंड कस्टम्स एनफोर्स ने 6 जुलाई को यह ऐलान किया था। इसपर विरोध जताते हुए हार्वर्ड यूनिवर्सिटी समेत कई संस्थानों ने कोर्ट में याचिका की।
विदेशी छात्रों से मिले फीस पर निर्भर हैं शिक्षण संस्थान
इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन के अनुसार अमेरिका में एक मिलियन से अधिक विदेशी छात्र-छात्राएं हैं और उनमें से करीब 20 हजार भारतीय हैं। अनेकों अमेरिकी शिक्षण संस्थान विदेशी छात्रों से मिलने वाले ट्यूशन फीस की बदौलत ही हैं। ट्रंप प्रशासन की ओर से विदेशी छात्रों के खिलाफ सुनाए गए फरमान के खिलाफ हार्वर्ड यूनिवर्सिटी और मैसाच्यूसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) जैसे प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान समेत देशभर के कुल 180 शैक्षणिक संस्थान कोर्ट पहुंच गए।