भारत की सुरक्षा क्षमताओं में गिरावट नहीं चाहता ट्रंप प्रशासन
अमेरिका ने CAATSA के तहत रक्षा मामलों पर चर्चा की और कहा कि वह नहीं चाहता कि भारत की सुरक्षा क्षमताओं में किसी तरह की गिरावट आए।
वाशिंगटन, प्रेट्र। ट्रंप प्रशासन भारत की सुरक्षा क्षमताओं को गिराना नहीं चाहता है। इस बात की जानकारी अमेरिकी अधिकारी ने दी है। उन्होंने यह स्वीकार किया कि मामला-दर-मामला विश्लेषण होगा, जहां रूस से महत्वपूर्ण सैन्य हथियार खरीदने वाले देशों पर काटसा एक्ट (CAATSA) के तहत दंडात्मक उपाय लागू किए जा सकते हैं।
जानें क्या है काटसा एक्ट
वर्ष 2017 में काउंटरिंग अमेरिकन एडवर्सरीज थ्रू सैंक्शंस (CAATSA) एक्ट बनाया गया। इसके तहत ईरान, रूस व उत्तर कोरिया पर बंदिशें लगाई जा सके। इसके तहत अमेरिका के शत्रु देशों को दंडित करने का प्रावधान है। यदि अमेरिका का कोई शत्रु देश सौदा करता है तब उस पर यह कानून लागू होता है। अमेरिका के शत्रु देशों में रूस भी शामिल है। इसके तहत रूस से महत्वपूर्ण रक्षा खरीदारी प्रतिबंधित है और ऐसा करने पर संबंधित देश पर प्रतिबंध लगाए जाते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व रूस के राष्ट्रपति ब्लादीमिर पुतिन ने लंबी बातचीत के बाद 2018 में एस-400 खरीद की डील की। बता दें कि इस मामले में भारत काटसा कानून से रियायत चाहता था और इसे अमेरिका की ओर से खारिज कर दिया गया था। इस डील के बारे में अधिकारी ने बताया, ‘मैं जानता हूं कि भारत ने उचित चिंता जताई है।
2016 में अमेरिका ने भारत को अपना सबसे बड़ा रक्षा साझीदार बताया था। उल्लेखनीय है कि इससे पहले अमेरिका ने कहा था कि वह भारत समेत कई देशों को काटसा के तहत कार्रवाईयों से बचने में मदद कर रहे हैं। अमेरिका ने कहा कि इस तरह की बड़ी खरीददारी काटसा के दायरे में आती है। इसी कानून के तहत तुर्की के खिलाफ कार्रवाई की गई थी।
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