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अमेरिका ने दिए पाक से दोस्‍ती के संकेत, कहा- मजबूत सैन्‍य संबंध बनाए रखने की जरूरत

इमारान खान और डोनाल्‍ड ट्रंप की बैठक से ठीक पहले अमेरिका ने कहा है कि मौजूदा वक्‍त में अमेरिका और उसके सांसदों को पाकिस्‍तान से मजबूत सैन्‍य संबंध बनाए रखने की जरूरत है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Fri, 12 Jul 2019 09:43 AM (IST)Updated: Fri, 12 Jul 2019 10:10 AM (IST)
अमेरिका ने दिए पाक से दोस्‍ती के संकेत, कहा- मजबूत सैन्‍य संबंध बनाए रखने की जरूरत

वॉशिंगटन, पीटीआइ। संभवत: चीन के बढ़ते प्रभाव को कम करने के लिए अमेरिका ने एकबार फि‍र अपने पुराने सहयोगी पाकिस्‍तान (Pakistan) से नजदीकियां बढ़ाने की कोशिशें शुरू कर दी हैं। अमेरिका के एक शीर्ष जनरल (top American general) के बयान से कुछ ऐसे ही संकेत मिल रहे हैं। संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ के प्रमुख (Chairman of the Joint Chiefs of Staff) के तौर पर नामित किए गए जनरल मार्क ए. मिले (General Mark A Milley) ने कहा कि मौजूदा वक्‍त में अमेरिका (United States) और उसके सांसदों को पाकिस्‍तान से मजबूत सैन्‍य संबंध बनाए रखने की जरूरत है।

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यह बयान पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Pakistan Prime Minister Imran Khan) और अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप (US President Donald Trump) की बैठक के ठीक पहले आया है। यह मुलाकात इसी महीने के अंत में व्‍हाइट हाउस (White House) में होने वाली है। अमेरिकी जनरल ने कहा- हालांकि, हमने सुरक्षा सहायता निलंबित कर रखी है और रक्षा के मुद्दों पर बातचीत बंद कर दी है, लेकिन हमें अपने साझा हितों के आधार पर मजबूत सैन्य-सैन्य संबंधों को बनाए रखने की दरकार है। अमेरिकी जनरल ने यह बयान सीनेट सशस्त्र सेवा समिति (Senate Armed Services Committee) की सुनवाई के दौरान लिखित सवालों के जवाब में दिया।

अभी हाल ही में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मुहम्मद फैसल की ओर से बताया गया था कि राष्ट्रपति ट्रंप के आमंत्रण पर इमरान खान अमेरिका जा रहे हैं। दोनों नेताओं की बातचीत का मुख्य एजेंडा द्विपक्षीय संबंधों में ताजगी लाने पर केंद्रित होगा। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अपनी इस यात्रा के दौरान 22 जुलाई को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करेंगे। पाकिस्‍तानी प्रधानमंत्री की ट्रंप से यह पहली मुलाकात होगी। इमरान खान का यह दौरा ऐसे समय होने जा रहा है, जब दोनों देशों के संबंध बहुत अच्छे नहीं रह गए हैं। इससे पहले ट्रंप ने यह कहते हुए पाकिस्तान को मिलने वाली सैन्य मदद रद कर दी थी कि उसने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में कुछ नहीं किया है। 


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