मृदा प्रदूषण से निजात दिलाता है यह बैक्टीरिया, इनकी मदद से पेड़-पौधों को मिलते हैं जरूरी पोषक तत्व
शोधकर्ताओं ने कहा कि इसका मतलब है कि नया बैक्टीरिया बायोडिग्रीडेशन रिसर्च (जैवअवक्रमण अनुसंधान) और मृदा कार्बन के चक्र को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
वाशिंगटन डीसी, एएनआइ। शोधकर्ताओं ने बैक्टीरियाओं की एक नई प्रजाति खोजी है, जो विशेष रूप से हमारे चारों ओर मौजूद कार्बनिक पदार्थो को नष्ट करने यानी उन्हें छोटे-छोटे टुकड़ों में बांटने में माहिर है। साथ ही ये बैक्टीरिया कैंसर पैदा करने वाले रसायनों को खत्म करने में अहम भूमिका निभाते हैं। ये रसायन मुख्य रूप से कोयला, गैस, तेल और अपशिष्ट उत्पादों को जलाए जाने पर निकलते हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि ये बैक्टीरिया मृदा प्रदूषण कम करने में तो महत्वपूर्ण भूमिका निभाते ही हैं। साथ ही साथ जलवायु परिवर्तन से भी लड़ते हैं।
इंटरनेशनल जर्नल ने विस्तार से बताया
माइक्रोबियल इकोलॉजी के प्रोफेसर डैन बकले ने लायकमिंग कॉलेज के सहकर्मियों और कार्नेल यूनिवर्सिटी के पांच अन्य शोधकर्ताओं के साथ मिलकर यह अध्ययन किया है। नए बैक्टीरिया के बारे में 'इंटरनेशनल जर्नल ऑफ सिस्टमैटिक एंड इवोल्यूशनरी माइक्रोबायोलॉजी' में विस्तार से बताया गया है।
नए बैक्टीरिया जीनस परब्रूखोल्डि्रया से संबंध रखते हैं, जो बेंजीन और टोल्यूनि जैसे हाइड्रोकार्बन यौगिकों (सुगंधित यौगिकों) को नष्ट करने की अपनी क्षमता के लिए जाने जाते हैं और इनकी कुछ प्रजातियों में रूट नोड्यूल बनाने की क्षमता भी होती है, जिसके चलते ये वायुमंडलीय नाइट्रोजन का संतुलन भी बनाए रखते हैं।
छोटे-छोटे टुकड़ों में बांट देता है बैक्टीरिया
शोधकर्ताओं ने कहा कि अध्ययन के पहले चरण में हमें बैक्टीरियम राइबोसेंमल आरएनए जीन्स की सीक्वेंसिंग करनी थी, जिसने ऐसे आनुवंशिक सबूत प्रदान किए जिससे यह पता लगा कि मडसेनियाना बैक्टीरिया की एक अनोखी प्रजाति है। नए बैक्टीरिया के अध्ययन के दौरान शोधकर्ताओं ने पाया कि मडसेनियाना विशेष रूप से सुगंधित (एयरोमैटिक) हाइड्रोकार्बन को छोटे-छोटे टुकड़ों में बांट देता है, जो लिग्निन का निर्माण करते हैं। यह प्लांट बायोमास और कार्बनिक पदार्थो का एक प्रमुख घटक है। एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन जहरीले पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन (पीएएच) प्रदूषण में भी पाए जाते हैं।
जलवायु का पूर्वानुमान लगाने में भी है मददगार
शोधकर्ताओं ने कहा कि इसका मतलब है कि नया बैक्टीरिया बायोडिग्रीडेशन रिसर्च (जैवअवक्रमण अनुसंधान) और मृदा कार्बन के चक्र को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। प्रारंभिक शोध से पता चलता है कि पेड़-पौधे जीवाणुओं यानी बैक्टीरिया को कार्बन खिलाते हैं और बदले में बैक्टीरिया मिट्टी में मौजूद कार्बनिक पदाथरें को नष्ट करते हैं। इस पूरी प्रक्रिया में पेड़ों को नाइट्रोजन और फास्फोरस जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में मिलते हैं। शोधकर्ताओं ने कहा ये बैक्टीरिया मिट्टी की स्थिरता और वैश्विक जलवायु के बारे में पूर्वानुमान लगाने में भी महत्वपूर्ण हो सकते हैं।