अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए प्रकाश की गति से हो सकेगी वस्तुओं की पहचान
वैज्ञानिकों ने ऐसी डिवाइस की खोज की है जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए प्रकाश की गति से वस्तुओं की पहचान कर सकेगी।
लास एंजिलिस [प्रेट्र]। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) की दिशा में दुनिया भर के वैज्ञानिक नई खोजें कर रहे हैं। इसके जरिये न केवल भावी रोबोट, बल्कि तमाम इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस भी तैयार की जा रही हैं। इसी दिशा में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया लास एंजिलिस के वैज्ञानिकों ने ऐसी डिवाइस की खोज की है जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए प्रकाश की गति से वस्तुओं की पहचान कर सकेगी।
3डी मॉडल पर आधारित इस डिवाइस का निर्माण मानव मस्तिष्क के प्रतिरूप के रूप में किया गया है। ऐसे में यह डाटा की बड़ी मात्रा के लिए भी कार्य करने में सक्षम है। इसकी मदद से ड्राइवरलेस कारें तैयार करने की दिशा में मदद मिलेगी।
वर्तमान में इस तकनीक का होता है प्रयोग
यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के शोधकर्ताओं का कहना है कि वर्तमान में वस्तुओं की पहचान कंप्यूटर आधारित प्रोग्राम के जरिये की जाती है, जिसमें कंप्यूटर उस वस्तु की फोटो का अन्य फोटो के साथ मिलान करता है। इंटरनेट पर सर्च का भी यही तरीका है।
नई डिवाइस ऐसे करेगी काम
डिफरेक्टिव डीप न्यूरल नेटवर्क नाम की डिवाइस में प्रकाश के जरिए वस्तुओं की पहचान विवर्तन के नियमों से की जाएगी। यह डिवाइस किसी वस्तु से आने वाले प्रकाश की किरणों का अध्ययन कर उसकी पहचान कर सकेगी। डिवाइस में एडवांस कंप्यूटर प्रोग्राम और अतिरिक्त ऊर्जा की आवश्यकता नहीं होगी क्योंकि यह सिर्फ प्रकाश किरणों के विवर्तन यानी उनके किसी वस्तु से टकराकर मुड़ने की घटना का अध्ययन करेगी।
ट्रांसपोर्ट और मेडिकल क्षेत्र में क्रांति
शोधकर्ताओं का कहना है कि यह एआई डिवाइस ड्राइवरलेस कारों की दुनिया में क्रांति लेकर आएगी। अभी ड्राइवरलेस कारें पैटर्न मैचिंग पर आधारित कंप्यूटर प्रोग्राम से ही सामने से आने वाली वस्तुओं की पहचान करती हैं। प्रकाश के मुकाबले यह प्रक्रिया काफी धीमी है।
प्रकाश आधारित डिवाइस की मदद से कार तुरंत रिएक्ट कर सकेगी। साथ ही इस डिवाइस की मदद से नए डिजिटल कैमरे डेवलप किए जा सकेंगे, जिससे मेडिकल क्षेत्र में क्रांति आएगी। इसके अलावा रोबोटिक्स और सुरक्षा के क्षेत्र में भी अभूतपूर्व परिवर्तन देखने को मिलेंगे।
इस तरह किया है तैयार
यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के प्रोफेसर एडोजन ओजकैन कहते हैं, इस खोज से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित डिवाइस के लिए नए अवसर पैदा होंगे। इसे मनुष्य के दिमाग की प्रक्रिया का अध्ययन करके तैयार किया गया है।