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दुनिया के सबसे बड़े विमान ने भरी आसमान में सफल उड़ान, जानें इसकी खासियतें

दुनिया के सबसे बड़े विमान ने आखिरकार अपनी पहली सफल उड़ान भर ली है। इसे माइक्रोसॉफ्ट के कॉ-फाउंडर पॉल एलन की कंपनी ने बनाया है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Sun, 14 Apr 2019 02:58 PM (IST)Updated: Mon, 15 Apr 2019 11:21 AM (IST)
दुनिया के सबसे बड़े विमान ने भरी आसमान में सफल उड़ान, जानें इसकी खासियतें
दुनिया के सबसे बड़े विमान ने भरी आसमान में सफल उड़ान, जानें इसकी खासियतें

नई दिल्‍ली [जागरण स्‍पेशल]। माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्‍थापक पॉल एलन के विशाल करिश्‍मे ने शनिवार [13 अप्रैल] को पहली बार आसमान में उड़ान भरकर इतिहास रच दिया। हम बात कर रहे हैं दुनिया के सबसे विशाल विमान के बारे में जिसकी शुरुआत वर्ष 2011 में हुई थी। स्‍ट्रेटोलॉन्‍च सिस्‍टम के सीईओ जीन फ्लोयड ने इस कामयाबी पर खुशी का इजहार करते हुए कहा कि आखिर हमनें वो कर दिखाया जिसका काफी लंबे समय से इंतजार था। हालांकि, इस खुशी में उन्‍हें पॉल एलन के न होने का दुख भी था।

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इस प्रोजेक्‍ट को शुरू करने वाले पॉल  एलन का निधन 15 अक्‍टूबर 2018 को 65 वर्ष की आयु में हो गया था। इस विमान के टेस्‍ट पायलट इवान थॉमस (पूर्व फाइटर पायलट) थे। इस विमान ने 173 मीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरी और यह करीब 15 हजार फीट की ऊंचाई तक गया। इसकी लैंडिंग भी बेहद खूबसूरत रही। करीब ढाई घंटे की फ्लाइट टेस्टिंग में क्रू को कहीं कोई दिक्‍कत नहीं आई। विमान की इस सफलता से हर कोई खुश है।

आपको बता दें कि इस विमान को बनाने का मूल मकसद धरती से 35 हजार फीट की ऊंचाई पर सैटेलाइट ले जाकर स्पेस में लॉन्च करना है। इससे ईंधन का खर्च बचने के साथ ही सैटेलाइट या स्पेस मिशन को ज्यादा दूरी के लिए भेजा जा सकेगा। पॉल ऐलन ने इसे 'एयर लॉन्च' नाम दिया था। आपको बता दें कि पिछले वर्ष यह विमान दुनिया के सामने पहली बार आया था। उस वक्‍त इसके इंजन की टेस्टिंग की गई थी। इस विमान में 28 पहिए लगे हैं।

विमान की खासियत
यह विमान दो हिस्‍सों में बंटा है। इस विमान का बीच वाला हिस्‍सा स्‍पेस मिशन के लिए रॉकेट लॉन्च करने के लिए इस्‍तेमाल लाया जा सकेगा। जहां तक इस विमान से सैटेलाइट लॉन्‍च करने की बात है तो इसके लिए कंपनी ने पहले से ही समझौता भी किया हुआ है। आपको बता दें कि अभी तक सैटेलाइट लॉन्‍च करने में काफी खर्च होता है, लेकिन इस विमान के जरिए उम्‍मीद की जा रही है कि इसके खर्च में कमी आएगी। कहा जा रहा है कि इससे सैटेलाइट लॉन्‍च का तरीका कम खर्चीला और तेज रफ्तार वाला होगा। 

ऐसा है ये विशाल विमान
2011 में शुरुआती तौर पर इसकी अनुमानित लागत 300 मिलियन डॉलर बताई गई थी। इस विमान में छह Pratt & Whitney इंजन लगे हैं जो इसको ताकत देते हैं। यह विमान कार्बन फाइबर से बना है। इसके अलावा दो कॉकपिट हैं। इस विमान के पंख किसी फुटबॉल के मैदान से भी बड़े हैं। इस विमान में 28 पहिए हैं। इस विमान की ऊंचाई पचास फीट है। इसके पंखों की लंबाई 385 फीट है। यह विमान होवर्ड ह्यूजेस के H-4 हर्क्युलिस और सोवियन दौर के कार्गो प्लेन एन्टोनोव एन-225 से भी बड़ा है। इसका वजन ही सवा दो लाख किलो है। यह विमान 1.3 मिलियन पाउंड तक वजन के साथ उड़ान भर सकता है। इस विमान की अधिकतम ईंधन क्षमता 1.3 मिलियन पाउंड है।


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