सौर ऊर्जा पर भारत के प्रयासों की संयुक्त राष्ट्र ने की प्रशंसा
उन्होंने भारत के उन कदमों की भी सराहना की है जिनमें प्लास्टिक के इस्तेमाल पर अंकुश लगाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र [प्रेट्र]। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के पर्यावरण प्रमुख ने सौर ऊर्जा के जरिये अपनी ऊर्जा जरूरतें पूरी करने के भारत के प्रयासों की प्रशंसा की है। उन्होंने भारत के उन कदमों की भी सराहना की है जिनमें प्लास्टिक के इस्तेमाल पर अंकुश लगाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) के कार्यकारी निदेशक एरिक सोलहम ने इसके साथ ही कहा कि दुनिया के देशों को धरती को बचाने के लिए और प्रयास करने की जरूरत है। उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा, 'मानव इतिहास में 2017 ऐसा पहला साल रहा है, जिस वर्ष दुनियाभर में तेल, गैस और कोयले की तुलना में सौर ऊर्जा से ज्यादा बिजली पैदा की गई।
सौर ऊर्जा के आधार पर भारत के दक्षिणी राज्यों की अर्थव्यवस्था दुनिया में तेजी से उभर रही है। 2015 में केरल का कोचीन इंटरनेशनल एयरपोर्ट पूरी तरह से सौर ऊर्जा से संचालित दुनिया का पहला हवाईअड्डा बना। कोयले के मुकाबले सौर ऊर्जा क्षेत्र में पांच गुना ज्यादा नौकरियां हैं।'
प्लास्टिक पर अंकुश लगाने के भारत के प्रयासों का जिक्र करते हुए एरिक ने कहा कि इस देश ने साल 2022 तक पूरी तरह प्लास्टिक का उपयोग बंद करने का वादा किया है। यूरोपीय संघ ने भी प्लास्टिक उपयोग का एक ऐसा नया तरीका अपनाने का एलान किया है जो पर्यावरण के ज्यादा अनुकूल और सुरक्षित होगा।