US President Election 2020: जानें, बाइडन की जीत के पीछे किन भारतवंशियों का है बड़ा हाथ, भारत का गौरव बढ़ा
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडन की जीत में भारतवंशियों ने बड़ी अहम भूमिका निभाई है। आइए जानते हैं कि इस बार किन भारतवंशियों ने बाइडन के चुनावी कैंपेन में अहम भूमिका निभाई है। बाइडन प्रशासन में उनको मिल सकती है अहम जिम्मेदारी।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। अमेरिका में हर क्षेत्र में भारतवंशियों का डंका बजा है। फिर चाहे अमेरिकी राजनीति और प्रशासन का क्षेत्र क्यों न हो। अमेरिकी राजनीति में भारतवंशियों की प्रभावशाली भूमिका रही है। अमेरिका में चाहे किसी भी राजनीतिक दल का राष्ट्रपति हो भारतीयों ने अपनी क्षमता और कौशल का लोहा मनवाया है। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडन की जीत में भारतवंशियों ने बड़ी अहम भूमिका निभाई है। इसलिए यह कयास लगाया जा रहा है कि बाइडन की टीम में भारतवंशियों की अहम भूमिका होगी। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टीम में भी कई भारतवंशी प्रमुख भूमिका में रहे हैं। आइए जानते हैं कि इस बार किन भारतवंशियों ने बाइडन के चुनावी कैंपेन में अहम भूमिका निभाई है। बाइडन प्रशासन में उनको मिल सकती है अहम जिम्मेदारी।
डॉ. विवेक मूर्ति: बाइडन प्रशासन में बन सकते हैं हेल्थ सिक्रेटरी
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के दौरान पब्लिक हेल्थ और कोरोना वायरस महामारी पर विवेक मूर्ति बाइडन के टॉप एडवाइजर्स थे। चुनावी कैंपेन के दौरान विवेक मूर्ति लगातार बाइडन को ब्रीफ करते थे। इसके अलावा उच्च अधिकारियों के साथ मिलकर वह सुरक्षित कैंपेन इवेंट कराने में मदद करते थे। बाइडन कई बार विवेक की सार्वजनिक तारीफ कर चुके हैं। इसलिए यह कयास लगाए जा रहे हैं कि बाइडन प्रशासन में वह हेल्थ सिक्रेटरी बन सकते हैं। कर्नाटक से ताल्लुक रखने वाले डॉ विवेक मूर्ति का जन्म 10 जुलाई,1977 को इंग्लैंड में हुआ था। बाल्यावस्था में उनके परिजन इंग्लैंड से अमेरिका आ गया। विवेक पेशे से डॉक्टर हैं। डॉ. विवेक अमेरिका के 19वें जनरल सर्जन थे। 2014 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने उन्हें अमेरिका के टॉप डॉक्टर के पद पर बिठाया था। इस पद पर पहुंचने वाले विवेक सबसे कम उम्र के पहले भारतीय अमेरिकी शख्स थे। उस वक्त उनकी उम्र 37 साल की थी। डोनाल्ड ट्रंप ने उन्हें पद से हटा दिया था।
अमित जानी: बाइडन के पॉलिटिक्ल कैंपेनर
बाइडन की चुनाव प्रचार टीम में अमित जानी ने प्रमुख भूमिका निभाई। वह बाइडन के पॉलिटिक्ल कैंपेनर थे। अमेरिकी चुनाव में उन्होंने एशियन समुदाय के लोगों को बाइडन के साथ जोड़ने में अहम भूमिका अदा की। अमित साउथ एशियन समुदाय के लोगों को अपने पक्ष में करने में माहिर हैं। अमित वर्तमान में न्यूजर्सी में गवर्नर फिल मर्फी के प्रशासन में कार्यरत हैं। उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव अभियान में टीम के सलाहकार के रूप में काम किया। बाइडन प्रशासन में उन्हें काेई जिम्मेदारी मिल सकती है। दिलचस्प बात यह है कि अमित जानी भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रशंसक और समर्थक हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल हासिल करने के बाद अमित ने कैप्शन के साथ फेसबुक पर कई तस्वीरों को पोस्ट किया। उन्होंने मोदी की जीत पर खुशी व्यक्त की थी। अमित ने वर्ष 2017 में संयुक्त राज्य अमेरिका की आधिकारिक यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की थी। अमित के पिता कथित तौर पर संयुक्त राज्य अमेरिका में भाजपा के प्रवासी मित्रों के संस्थापकों में से एक हैं। में
राज चेट्टी :आर्थिक सलाहकार की जिम्मेदारी मिल सकती है
अमेरिका में नए राष्ट्रपति जो बाइडन को देश की दो ज्वलंत समस्याओं से जूझना होगा। उनके लिए अमेरिका में कोरोना वायरस के प्रसार पर रोकना और अमेरिकी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना उनकी टीम के लिए एक बड़ी चुनौती होगी। अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर बाइडन को जानकारी देने वाली टीम में राज चेट्टी का नाम प्रमुख है। अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर बाइडन ने सैकड़ों नीति विशेषज्ञों से इनपुट मांगते हुए आर्थिक सलाह के लिए व्यापक संपर्क किया है। अर्थव्यवस्था पर बाइडन को जानकारी देने वालों में चेट्टी प्रमुख हैं। उन्होंने पिछले कई वर्षों में आर्थिक गतिशीलता और उससे संबंध मामलों पर शोध किया है। ऐसा माना जा रहा है कि बाइडन प्रशासन में राज चेट्टी को भी बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है।
डॉ केसलर से जुड़े हैं बाइडन
न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक बाइडन विशेषज्ञों के साथ अपन बातचीत में अक्सर डॉ केसलर का जिक्र करते हैं। डॉ मूर्ति और डॉ केसलर दो प्रमुख चिकित्सीय व्यक्ति हैं, जिनकी सलाह बाइडन ने सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट के दौरान मांगी है। एक रिपोर्ट में केसलर के हवाले से कहा गया है कि महामारी के शुरुआती दिनों में वह और मूर्ति हर दिन बाइडन को जानकारी मुहैया कराते थे। केसलर ने कहा कि प्रत्येक दिन 80-90 पेज के दस्तावेज भेजते थे। उन्होंने बताया कि व्यापक रोग विज्ञान, चिकित्सा विज्ञान, वैक्सीन और कोरोना परीक्षण से जुड़ी जानकारी बाइडन को मुहैया कराई जाती थी।