फ्रांस में 6500 साल पहले बनाया था पहला स्टोनहेंज, भूकंप से भी नहीं होते हैं टस से मस
लंबे समय से वैज्ञानिक यह पता लगाने की कोशिश में थे कि इस तरह की संरचना बनाने का ज्ञान किस तरह इन इलाकों में फैला था?
वाशिंगटन, एजेंसी। यूरोप के कई देशों में विशाल चट्टानों और बड़े पत्थरों को विशेष आकृति में खड़ा कर कई संरचनाएं बनाई गई हैं। इन्हें स्टोनहेंज कहा जाता है। बताया जाता है कि इन्हें पाषाण काल के मानवों ने बनाया था। ब्रिटेन के विल्टशायर में मौजूद ऐसी ही एक संरचना यूनेस्को की वैश्विक धरोहरों की सूची में शामिल है। फ्रांस, स्पेन, ब्रिटेन, स्केंडेनेविया और आयरलैंड के तटीय इलाकों में इस तरह की छोटी-बड़ी 35 हजार संरचनाएं हैं।
भूकंप में भी टस से मस नहीं होने वाली ये संरचनाएं ना सिर्फ पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र हैं बल्कि पुरातत्व वैज्ञानिकों के लिए भी खास हैं। लंबे समय से वैज्ञानिक यह पता लगाने की कोशिश में थे कि इस तरह की संरचना बनाने का ज्ञान किस तरह इन इलाकों में फैला था? आखिरकार इस रहस्य से पर्दा उठ गया है।
स्वीडन स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ गोथेनबर्ग की वैज्ञानिक बेटिना शुल्ज पॉलसन के मुताबिक करीब 6,500 साल पहले फ्रांस में इस तरह की पहली संरचना बनी थी। वहीं से इन संरचनाओं को बनाने का तरीका अन्य देशों तक पहुंचा था। बेटिना ने पाषाण युग की चट्टानों के 2,140 रेडियो कार्बन डेट का विश्लेषण करने के बाद यह दावा किया है।
यूनिवर्सिटी के अन्य वैज्ञानिक डॉ. शुल्ज पॉलसन ने इस अध्ययन को बड़ी सफलता बताया है। उन्होंने कहा, इससे ना सिर्फ स्टोनहेंज की उत्पत्ति का पता चला है बल्कि यह भी मालूम हुआ कि प्राचीन मानव के पास नाव चलाने की भी जानकारी थी। इसी की मदद से वह इस विशेष शिल्प कला को कई देशों में फैला पाए।